खुद को इंजेक्शन लगाकर काट लिया प्राइवेट पार्ट, UPSC के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम,कहा-लड़की बनना चाहता हूं
खुद को इंजेक्शन लगाकर काट लिया प्राइवेट पार्ट, UPSC के छात्र ने उठाया खौफनाक कदम,कहा-लड़की बनना चाहता हूं

12 Sep 2025 |   21



 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है।यहां यूपीएससी की तैयारी करने वाले एक छात्र ने लड़की बनने के लिए खुद का प्राइवेट पार्ट काट लिया। छात्र ने खुद पहले एनेस्थेसिया का इंजेक्शन लगाया। इसके बाद सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया। हालांकि बाद में जब एनेस्थेसिया का असर कम हुआ तो वह दर्द से तड़पने लगा।छात्र ने मकान मालिक को इसकी जानकारी दी,जिसके बाद उसे बेली अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे एसआरएन रेफर कर दिया है।

लड़की बनना चाहता है युवक

छात्र का कहना है कि वह लड़का नहीं बल्कि लड़की है, लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता था,इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया है और वह लड़की बनना चाहता है।वह जब 14 साल का था, तभी लगने लगा था कि मैं लड़की हूं।बता दें कि छात्र अमेठी जिले का रहने वाला है।मां-बाप का इकलौता लड़का होने के कारण वह अपने परिवार वालों से कुछ नहीं बता रहा था। कुछ दिन तक वह अपनी मौसी के यहां रहा था, जिसके बाद प्रयागराज आ गया।यहां एक किराए का कमरा लेकर रहने लगा और UPSC एग्जाम की तैयारी करता था।

झोलाछाप डॉक्टर के कहने पर उठाया कदम

छात्र ने बताया कि लड़की बनने के लिए वह यूट्यूब पर सर्च करता था,उसने कटरा में एक झोलाछाप डॉक्टर से संपर्क किया,उसी के कहने पर छात्र ने एनेस्थिसिया का इंजेक्शन और सर्जिकल ब्लेड मेडिकल स्टोर से खरीदा। इसके बाद अकेले अपने किराए के कमरे में इंजेक्शन लगाया,जिससे उसके कमर के नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया। इसके बाद उसने अपने हाथों से प्राइवेट पार्ट काे काट दिया। छात्र ने बताया कि जब तक एनेस्थेसिया इंजेक्शन का असर रहा तब तक वह सामान्य स्थिति में था। असर खत्म होते ही वह दर्द से तड़प उठा।

मकान मालिक ने अस्पताल में कराया भर्ती

छात्र ने बताया कि शर्म की वजह से किसी से कहना नहीं चाहता था।पहले करीब एक घंटे तक कमरे में छात्र दर्द से तड़पता रहा,दर्द की दवा खाई और फर्श पर पूरा ब्लड बह रहा था।बाद में उसने मकान मालिक को बताया।इसके बाद एंबुलेंस बुलाई गई और मकान मालिक उसे लेकर तेज बहादुर सप्रू अस्पताल पहुंचा।यहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां एसआरएन अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है। 

लड़कियों में नहीं कोई इंट्रेस्ट 

छात्र का कहना है कि मुझे लड़कियों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। मुझे लगता है कि मेरी आवाज भी लड़कियों जैसे ही है। चलने का स्टाइल भी लड़कियाें जैसा है।छात्र का कहना है कि मुझे पता नहीं था कि इसमें मेरी जान जा सकती थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं जेंडर ही चेंज करना चाहता था, बस इसीलिए यह सब किया।

मनोचिकित्सक से कराई जाएगी काउंसिलिंग

एसआरएन अस्पताल के मीडिया प्रभारी वरिष्ठ सर्जन संतोष सिंह के मुताबिक इस छात्र की उम्र करीब 22- 23 वर्ष है। उसे जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिस्फोरिया की बीमारी है। उसने अपने हाथ से ही अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया था। उसे लगता था कि वह लड़की है, इसलिए उसने अपनी जान जोखिम में डाल दिया। यदि समय रहते वह अस्पताल नहीं पहुंचता तो जान भी जा सकती थी। मनोचिकित्सक के जरिए भी इस छात्र की काउंसिलिंग कराई जाएगी।

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