लखनऊ।ग्रेटर नोएडा के घंघौला गांव का रहने वाला गैंगस्टर सुंदर भाटी का नाम पश्चिम उत्तर प्रदेश में जरायम की दुनिया में सबसे ख़तरनाक था।पश्चिमी यूपी में कभी आतंक का दूसरा नाम कहलाने वाले गैंगस्टर सुंदर भाटी का भारी दबदबा था।सुंदर का 30 साल का साम्राज्य रहा। राजनीतिक गलियारों में सुंदर की अच्छी पैठ थी। सुंदर पर 60 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं,जिसमें हत्या,हत्या का प्रयास,लूट, रंगदारी समेत कई अपराध शामिल हैं।सुंदर हरेंद्र प्रधान की हत्या के केस में जेल में बंद था।अब 20 साल बाद जेल से रिहा हुआ है।
गैंगस्टर सुंदर भाटी को हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।सुंदर सोनभद्र जेल में बंद था अब रिहाई मिल गई है।बताया जा रहा है कि सुंदर का कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई माफिया अशरफ हत्याकांड से भी नाम जुड़ा था। अतीक को गोली मारने का एक आरोपी सनी सिंह सुंदर के साथ हमीरपुर जेल में बंद रहा था और दोनों के बीच कनेक्शन था।ऐसे में अतीक हत्याकांड में सुंदर का कनेक्शन होने के कयास लगाए गये थे। अतीक की हत्या में जिगाना पिस्टल बरामद हुई थी, जो कि अवैध तरीके से विदेशों से लाई जाती है,जिसमें 17 गोलियां लोड होती हैं।कयास लगाए गए थे कि सुंदर भाटी गैंग ने वह पिस्टल सप्लाई की थी।
सुंदर भाटी जरायम की दुनिया में कदम रखने से पहले बुलंदशहर में ट्रांसपोर्ट के ठेके लेता था। उसके बाद सुंदर नेताओं के संपर्क में आया और अपराध करने लगा।कहते हैं कि सुंदर भी सियासत में आना चाहता था, लेकिन इसी बीच नरेश भाटी जिला पंचायत चेयरमैन बन गया।सुंदर और नरेश पहले साथी थे। फिर सुंदर ने चेयरमैन नरेश की हत्या कर दी थी।इसके बाद सुंदर लगातार संगीन अपराध करता गया।
किसी जमाने में सुंदर भाटी पश्चिम उत्तर प्रदेश का खूंखार नाम था।यूपी पुलिस से लेकर हरियाणा दिल्ली पुलिस के लिए सुंदर एक चुनौती बन गया था। सुंदर गाजियाबाद के लोनी के रहने वाले सतवीर गुर्जर का खास हुआ करता था।सतवीर कई अपराधों को अंजाम दे रहा था।इसी दौरान सतवीर नरेश भाटी के संपर्क में आया था।नरेश अपने परिवार वालों की हत्या का बदला लेने के लिये अपराधी बन गया।नरेश का साथ सुंदर ने दिया,लेकिन जब नरेश जिला पंचायत अध्यक्ष बना तो यह बात सुंदर को खटक गई और नरेश की हत्या कर दी।
सुंदर भाटी और नरेश भाटी की दोस्ती यूपी-दिल्ली-हरियाणा के गैंगस्टर्स में मशहूर थी।सुंदर और अनिल दुजाना के बीच सरकारी ठेकों,स्क्रैप के ठेकों, सरिया की चोरी और टोल के ठेकों को लेकर विवाद था।दुजाना को सुंदर से जान का खतरा था।इस लिए पुलिस जब भी दुजाना को कोर्ट में पेशी पर लाती थी तो उसे बुलेटप्रूफ़ जैकेट पहनाई जाती थी।
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