यूपी विस उपचुनाव:करहल में भाजपा ने अखिलेश यादव को दिया जीजा जी वाला सरप्राइज,जानें क्या है समीकरण
यूपी विस उपचुनाव:करहल में भाजपा ने अखिलेश यादव को दिया जीजा जी वाला सरप्राइज,जानें क्या है समीकरण

25 Oct 2024 |  39





मैनपुरी।उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है।यूपी में 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और परिणाम 23 नवंबर को आएगा।उपचुनाव चुनाव को लेकर यूपी का सियासी पारा हाई है।इस बीच चर्चा में हॉट विधानसभा सीट करहल है।यहां से सपा मुखिया अखिलेश यादव विधायक थे।अखिलेश यादव के इस्तीफ़े के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है।मैनपुरी ज़िले की करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी सबसे मज़बूत पार्टी है,लेकिन फिर भी यादव परिवार के सदस्य को टिकट देकर भारतीय जनता पार्टी ने सपा को चुनौती देने की पूरी कोशिश की है।जानें क्या है करहल का समीकरण।

करहल में फूफा-भतीजे में मुकाबला

यूपी का यादवलैंड यानी मैनपुरी और आसपास के जिले में बीते तीन दशक से मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार का वर्चस्व माना रहा है।इसी यादवलैंड के करहल विधानसभा सीट पर इस बार फूफा और भतीजे में मुकाबला होने वाला है। करहल सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने भतीजे लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।वहीं तेज प्रताप को टक्कर देने के लिए भाजपा ने उनके फूफा अनुजेश यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।अनुजेश सपा सांसद और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के बहनोई हैं। 25 मार्च 2019 में अनुजेश यादव जब भाजपा में शामिल हुए थे तो साले धर्मेंद्र यादव ने अनुजेश से रिश्ता तोड़ने का ऐलान कर दिया था।अब वही अनुजेश जब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे तो उनके साले धर्मेंद्र यादव उनके ख़िलाफ़ खड़े नजर आएंगे।

जानें करहल सीट का सियासी समीकरण

करहल में कुल मतदाताओं की संख्या 3,82,378 है।⁠इनमें लगभग 1 लाख 30 हज़ार यादव मतदाता हैं,⁠अनुसूचित जाति 60 हज़ार,शाक्य 50 हज़ार,⁠राजपूत 30 हज़ार,⁠पाल बघेल 30 हज़ार,⁠मुस्लिम 25 हज़ार,ब्राह्मण 20 हज़ार,लोधी 20 हज़ार,बनिया लगभग 15 हज़ार हैं।करहल में यादव मतदाता को निर्णायक माना जाता है।

करहल में 22 सालों से सपा का कब्जा

करहल विधानसभा सीट पर पिछले 22 सालों से समाजवादी पार्टी का क़ब्ज़ा है।साल 2002 में पहली बार भाजपा के सोबरन सिंह यहां से चुनाव जीते,लेकिन वो भी बाद में सपा में ही शामिल हो गए।इसके बाद सपा के इस मजबूत किले को कोई ढहा नहीं पाया।साल 2022 के विधानसभा चुनाव में तो सपा मुखिया अखिलेश यादव ख़ुद करहल से चुनाव जीते थे।
यादवलैंड में जनता का आशीर्वाद भतीजे को मिलेगा या फिर उनके फूफा को मिलेगा ये तो समय आने पर ही पता चलेगा।

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