प्रयागराज।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहे माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को तगड़ा झटका दिया है।हाईकोर्ट ने सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।अब्बास अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब्बास अंसारी ने जमानत याचिका दाखिल की थी।कोर्ट के फैसले के बाद अब अब्बास अंसारी को जेल में ही रहना होगा।
अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी।कोर्ट ने इन-चैंबर बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को जमानत देने से इनकार कर दिया।अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जमानत याचिका दाखिल की थी।जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अब्बास अंसारी की हिस्ट्रीशीट को भी प्रमुख आधार बनाया है।कोर्ट के फैसले में लिखा है कि अब्बास अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में अब्बास अंसारी को गैंग लीडर बताया गया है।
चिटकूट जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में 31 अगस्त को अब्बास अंसारी, नवनीत सचान,नियाज अंसारी,फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1986 की धारा 2/3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।आरोप है कि ये लोग धन उगाही और लोगों पर हमले करते थे,जिससे इलाके में भय और आतंक का माहौल बन गया था।
28 अगस्त को एक गैंग चार्ट तैयार किया गया था। चार्ट में अब्बास अंसारी को गैंग का सरगना और अन्य चार व्यक्तियों को गैंग के सदस्य के रूप में बताया गया था।बुधवार को जस्टिस समीत गोपाल ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले के तथ्यों और जांच की प्रगति को देखते हुए याचिकाकर्ता 6 सितंबर 2024 से जेल में है।जमानत के लिए कोई आधार नहीं बनता।कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले में समय दिया और इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। बता दें कि अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद हैं।
इस साल के शुरुआत में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में मौत हो गई थी।मुख्तार के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उनकी मौत सामान्य नहीं है।मुख्तार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बताया था कि उन्हें जहर दिया जा रहा है।बता दें गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में 10 साल की सजा सुनाई थी और 5 लाख का जुर्माना लगाया था। मुख्तार के अलावा उसके साथ भीम सिंह को भी इस मामले मे कोर्ट में दस साल की सजा सुनाई थी।
|