विधानसभा में बोले राजा भइया,हिंदुओं ने किसी के धर्मस्थल नहीं तोड़े,सर्वे पर पत्थरबाजी भी नहीं करेंगे
विधानसभा में बोले राजा भइया,हिंदुओं ने किसी के धर्मस्थल नहीं तोड़े,सर्वे पर पत्थरबाजी भी नहीं करेंगे

17 Dec 2024 |  32



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी


लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कल सोमवार विधानसभा में गरमागरम बहस हुई।सबकी निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रहीं।सीएम ने विधानसभा में विपक्ष पर हमला किया।सीएम ने संभल, बहराइच हिंसा का जिक्र करते हुए उपद्रवियों को सीधी चेतवानी भी दी।वहीं समाजवादी पार्टी ने कानून-व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की।इन सबके बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया का विधानसभा में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है।

राजा भइया अपने भाषण में सीएम योगी के बयानों का समर्थन करते नजर आए।साथ ही राजा भ‌इया ने यह भी कहा कि एक हिंदू होने के नाते अगर कोर्ट किसी भी मंदिर में सर्वे का आदेश देती है, तो मेरा भरोसा है कि किसी भी हिंदू को कोई आपत्ति नहीं होगी।राजा भइया ने कहा कि हमने किसी के धर्मस्थल को तोड़कर अपने धर्म स्थल नहीं बनाए हैं,जहां सर्वे करना है कर लो,हम कभी भी पथराव या पत्थरबाजी नहीं करेंगे।

संभल हिंसा पर बोलते हुए राजा भइया ने कहा कि जो सर्वे हो रहा है, वह कोर्ट के आदेश पर हो रहा है।अगर कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है तो उसे पलटने का ये क्या तरीका है,उसे बदलने के लिए बड़ी कोर्ट में जाया जाए।

विपक्ष को निशाने पर लेते हुए राजा भइया ने कहा कि मैंने देखा कि विधानसभा में जितने भी लोगों ने संभल हिंसा के मुद्दे पर अपनी बात रखी है,किसी ने पत्थरबाजी की कोई चर्चा नहीं की।राजा भइया ने सवाल खड़ा किया कि क्या पथराव करने से कोर्ट का आदेश बदल जाता है।राजा भइया ने कहा कि संभल हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मी या प्रशासन के लोगों को लेकर भी किसी ने अपनी कोई चिंता व्यक्त नहीं की। शासन-प्रशासन का काम कोर्ट के फैसलों को लागू करवाना होता है,उन्हें रोकने के लिए हिंसा करना कतई जायज नहीं है।

कुंदरकी से विधायक चुनकर आए भाजपा के ठाकुर रामवीर सिंह जीत पर सवाल उठाए जाने पर राजा भइया ने कहा कि तो फिर जिन विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या हिंदू वोटर से कम है,क्या वहां से वे लोग लूटकर विधायक बनकर आते हैं,क्या जो हिंदू बाहुल्य विधानसभाएं हैं, वो मुसलमान को वोट नहीं देती हैं,रामवीर जी निर्वाचित सदस्य हो चुके हैं,इस सदन के सम्मानित सदस्य हैं,उनका इस तरह से अपमान करना आपत्तिजनक है।

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