हर जगह मंदिर का मसला उठाकर हिंदू नेता बनना ठीक नहीं, मोहन भागवत की बात सुनें लोग:मौलाना शहाबुद्दीन
हर जगह मंदिर का मसला उठाकर हिंदू नेता बनना ठीक नहीं, मोहन भागवत की बात सुनें लोग:मौलाना शहाबुद्दीन

20 Dec 2024 |  50




बरेली।देश में जगह-जगह मंदिर-मस्जिद विवाद उठाए जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान का ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने समर्थन किया है।मौलाना ने कहा कि हर जगह मंदिर का मसला उठाकर हिंदू नेता बनना ठीक नहीं।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को सुनें।

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में इस तरह का बयान आना बड़ी अहमियत रखता है।देश में 2-4 लोग ऐसे असामाजिक तत्व हैं जो देश भर में हर जगह मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढ रहे हैं।हिंदू नेता बनने के लिए ये लोग कोर्ट में मुकदमा तक दायर कर रहे हैं।मौलाना ने कहा कि देश के हर शहर और गांव में एक धर्म के नेता बनने की होड़ सी लगी हुई है। ऐसे लोगों को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि इस तरह की गतिविधियों से देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचता है। आपसी भाईचारे के सम्मान को ठेस पहुंचती है।

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि संघ प्रमुख ने इस पर भी अपना नजरिया स्पष्ट किया है कि हर शहर हर गांव में नेता बनने के लिए एक धर्म विशेष की छवि न अपनायें।मौलाना ने कहा कि संघ प्रमुख ने एक समुदाय की बेचैनी और तकलीफ,उनके खिलाफ चलाई जाने वाली मुहिम को भाप लिया है।उनको इस बात का भी एहसास हो गया है कि बाहर की दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बनाई गई भारत की छवि धूमिल हो रही है। भारत के उभरते हुए एक धर्म विशेष के चेहरे से नुकसान पहुंच रहा है।

मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि भारत के दूसरे मजहब के लोगों से यही कहना चाहूंगा कि खासतौर पर विष्णु शकंर जैन, हरी शंकर जैन और राखी सिंह को गौर से इस बयान को सुनना चाहिए,उस पर अमल भी करना चाहिए।धार्मिक विवाद खत्म हो जायेगा और सभी लोग मिलकर देश की तरक्की के लिए काम करेंगे।

बता दें कि मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत कई तरह के बयान दे चुके हैं।हाल ही में मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की जरूरत नहीं है।संभल में मुस्लिम इलाकों में मंदिर और कुंआ मिलने के विवाद के बीच संघ प्रमुख का अब एक और बयान सामने आया है।संघ प्रमुख ने कहा कि हम लंबे समय से सद्भावना में रह रहे हैं। अगर हम इस सद्भावना को दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं तो हमें एक मॉडल तैयार करना होगा। राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर ऐसे ही मुद्दों को उठाकर हिंदू नेता बन जाएंगे, यह स्वीकार्य नहीं है।संघ प्रमुख ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण हुआ, क्योंकि वह सभी हिंदुओं की आस्था का सवाल था। आज हर रोज नया मामला उठाया जा रहा है, इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है। ऐसा नहीं चलेगा।

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