महाकुंभ नगर।महाकुंभ आयोजन विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में से एक है।महाकुंभ देश की पवित्र नदियों पर आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है।महाकुंभ में देश-विदेश से हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु आते हैं।महाकुंभ में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि,सारे पाप भी धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बता दें कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ 12 साल में होता है।
12 साल में क्यों होता है महाकुंभ का आयोजन
माना जाता है कि देवताओं और असुरों के बीच अमृत कलश (कुंभ) को लेकर युद्ध 12 दिनों तक चला था।देवताओं के बारह दिन मनुष्य के बारह सालों के बराबर है।यही वजह है कि 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होता है।हर 12 साल में महाकुंभ आयोजित होता हैं,लेकिन महाकुंभ केवल तब होता है जब बृहस्पति ग्रह मीन राशि में होते हैं।
कैसे तय होती है महाकुंभ की तारीख और जगह
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में हों और इस दौरान सूर्य मकर राशि में आते हैं तो महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होता है।वहीं जब बृहस्पति कुंभ राशि में हों और उस दौरान सूर्य मेष राशि में गोचर करते हैं, तब महाकुंभ का आयोजन हरिद्वार में होता है।इसके अलावा जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में गोचर करते हैं तो नासिक में महाकुंभ का आयोजन होता है।ऐसे ही जब बृहस्पति ग्रह सिंह राशि में हों और सूर्य मेष राशि में हों तो उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन में होता है।
कहां-कहां होता है महाकुंभ का आयोजन
विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ देश के चार पवित्र स्थानों पर होता है।महाकुंभ नगर में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर,हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे,उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे और नासिक में गोदावरी नदी के किनारे होता है।
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