ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बिजली विभाग के अभियंताओं और अधिकारियों की धांधली का एक ऐसा मामला उठा,जिससे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी हैरान रह गए।आजमगढ़ जिले के सगड़ी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक हृदय नारायण सिंह पटेल ने बुधवार को सदन में गड़बड़ी को उठाते हुए कहा कि ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए इंजीनियर दो तरह का प्राक्कलन दे रहे हैं,जिसमें विधायक निधि से लगने वाले ट्रांसफॉर्मर का खर्च बिजली विभाग से लगने वाले ट्रांसफॉर्मर के खर्च से लगभग दोगुना आता है।इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन में मौजूद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को निर्देश दिया कि सरकार जांच कराएं और जिस भी इंजीनियर ने गलत एस्टीमेट दिया है उस पर कार्रवाई करें।
सपा विधायक हृदय नारायण सिंह पटेल ने कहा था कि बिजली विभाग के अधिकारी सरकार को चूना लगा रहे हैं। खराब ट्रांसफॉर्मर बदलवाने के लिए लोग जब विभाग के एसडीओ या इंजीनियर के पास जाते हैं तो ये लोग सीधे बोल देते हैं कि विभाग से लगवाने में बहुत समय लगेगा,विधायक निधि से लगवाने पर काम जल्दी हो जाएगा।सपा विधायक ने कहा कि बिजली विभाग का जो एस्टीमेट आता है उसमें जो विभाग लगवाता है और जो विधायक निधि से लगता है, उसमें लगभग दोगुने का अंतर होता है। विधानसभा अध्यक्ष महाना ने पूछा कि ज्यादा किसका आता है तो सपा विधायक ने बताया कि विधायक निधि का एस्टीमेट ज्यादा आता है।उनके पास इसके दस्तावेजी सबूत हैं।
सपा विधायक के आरोप का मतलब यह था कि बिजली विभाग के इंजीनियर विधायक निधि के पैसे से जो ट्रांसफॉर्मर लगाते हैं उस पर विभागीय ट्रांसफॉर्मर से दोगुना खर्च दिखाते हैं।जाहिर तौर पर इसमें कमाई होती होगी इसलिए आम लोगों को विभागी ट्रांसफॉर्मर लगने में काफी समय का हवाला देते हैं और विधायक से इसके लिए विधायक निधि का पैसा दिलवाने के लिए कहते हैं।सपा विधायक के आरोप की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष महाना ने आसन से व्यवस्था के तहत निर्देश दिया कि एक ट्रांसफॉर्मर के लिए दो तरह के अनुमानित खर्च (एस्टीमेट) में जिसने गलत एस्टीमेट दिया है, उस पर कार्रवाई हो। पहले वाले ने गलत दिया तो उस पर हो, दूसरे वाले ने गलत दिया तो उस पर हो।
विधायक निधि के काम में ज्यादा लापरवाही का आरोप लगाते हुए सपा विधायक ने बताया कि उनके फंड से साल भर पहले पैसा कट गया,लेकिन दो जगह छोड़कर कहीं ट्रांसफॉर्मर नहीं लगा है।सपा विधायक ने बताया कि विधायक निधि से पहले एस्टीमेट के आधार पर पैसा कटने के बाद अधिकारी कहते हैं कि इसके लिए और पैसा चाहिए तब ट्रांसफॉर्मर लगेगा।ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी अपने जवाब में माना कि पटेल की विधायक निधि के कुछ काम अधूरे हैं,जिनमें सीडीओ के पास से पैसा नहीं आया है।ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरकार के पास इस समय ट्रांसफॉर्मर,तार बदलने के लिए पैसा है।विधायक निधि से पैसा ना भी दें तो उस काम को करवाना हमारी जिम्मेदारी है।
सपा विधायक के इस आरोप पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आसन से व्यवस्था के तहत निर्देश दिया कि विधायक निधि का पैसा डेढ़ साल तक खर्च नहीं होने के लिए जिम्मेवार अफसर से स्पष्टीकरण लेना चाहिए। विधायक निधि डेढ़ दो साल तक रखने के लिए नहीं है।महाना ने संसदीय कार्यमंत्री से कहा कि वो विधायक निधि के पैसे के समयबद्ध इस्तेमाल के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करें।विधायक निधि का काम प्राथमिकता पर होना चाहिए,समय सीमा तय करिए।सीडीओ अगर डेढ़ साल तक पैसा नहीं दे रहा है तो शो कॉज होना चाहिए कि समय पर पैसा क्यों नहीं दिया गया।महाना ने कहा कि हमारे विधायक बहुत मेहनत से काम करते हैं, इसलिए अगर अधिकारियों के द्वारा लापरवाही की जा रही है तो उनको सजा भी मिलनी चाहिए।
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