महाकुंभ नगर।गंगा की धरा पर अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ होगा।महाकुंभ के दौरान कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।ठंड में बीपी और शुगर जैसी बीमारियों के मरीजों के लिए जोखिम बढ़ जाता है,जिससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है।ऐसे में महाकुंभ में श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेहत का पूरा ध्यान रखने के लिए खास स्वास्थ्य व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के पूजा-अर्चना कर सकें।
महाकुंभ में संगम की रेती पर बने तंबुओं में एक महीने तक रहने वाले कल्पवासी आमतौर पर बुजुर्ग होते हैं।बुजुर्गों में बीपी और शुगर का खतरा अधिक होता है,क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर के कई कार्य धीमे हो जाते हैं और मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है।इस कारण से उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।बुजुर्गों का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। बुजुर्गों की सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े इसके लिए उनकी नियमित बीपी और शुगर जांच की आवश्यकता होती है।ऐसे में महाकुंभ में बीपी और शुगर जांच एक रुपये में होगी।इसके अलावा योजना के तहत उनकी सेहत पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी।
प्रत्येक सेक्टर में यह सेवा उपलब्ध होगी।यह जांच उन श्रद्धालुओं,कल्पवासियों,बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी,जिनका बीपी और शुगर नियंत्रण में रहना आवश्यक है। ऐसे में अगर किसी का बीपी या शुगर अनियंत्रित पाया जाता है, तो उनका तुरंत इलाज शुरू किया जाएगा।कुल 23 सेक्टर हैं और प्रत्येक सेक्टर में चार मेडिकल गाइड तैनात किए जाएंगे।प्रत्येक टीम में एक नर्सिंग स्टाफ और एक फार्मासिस्ट शामिल होगा।अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होती है तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता दी जाएगी।महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेहत का पूरा ध्यान रखा जाएगा, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति में पूरी तरह से लीन हो सकें और इस धार्मिक आयोजन का अनुभव अच्छे स्वास्थ्य में ले सकें।
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