रायबरेली।उत्तर प्रदेश के रायबरेली के सत्य नगर में तीस साल पहले पाकिस्तान से आए चार परिवारों को सीएए के तहत भारत की नागरिकता दी गई है।यह परिवार पाकिस्तान में किराने का बड़ा व्यवसाय करता था,लेकिन परिवार के साथ गलत व्यवहार किए जाने से पाकिस्तान छोड़कर रायबरेली आ गए थे। रायबरेली आने वालों में बन्नालाल,कुमारलाल, हरीशलाल के साथ मुरली भी थे।तीस साल से रायबरेली में रहने के बाद भी इनको भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई थी।नागरिकता मांगने पर इनको रिफ्यूजी का प्रमाणपत्र पहले की सरकारों के द्वारा दे दिया जाता था।
चार माह पहले इनको सीएए के तहत भारत की नागरिकता मिलने की जानकारी मिली थी।इसके बाद चारों परिवार के 16 लोगों ने सीएए को लेकर भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया।केन्द्र सरकार ने इनकी पूरी जांच कराने के बाद इनको भारत का नागरिक घोषित किया है।नागरिकता नहीं मिलने पर इन सबको बहुत अफसोस हो रहा था।
चार माह पहले इन सभी के परिवार ने सीएए के अधीन नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया था। पूरी जांच पड़ताल करने के बाद इनके परिवार के सदस्यों को दो से लेकर तीन के ग्रुप में नागरिकता दी जाने लगी थी। चारों परिवार के 16 लोगों को भारत की नागरिकता मिल जाने से सभी लोग बेहद खुश हैं। नागरिकता पाने वाले हरीश लाल ने कहा कि वह केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं। इससे पहले की सरकारों में उन्हें रिफ्यूजी का प्रमाणपत्र मिलता था।अब हमें नागरिकता मिल गई है।
भारतीय नागरिकता मिलने पर चारों परिवारों ने खुशी जाहिर की है। 16 सदस्यों को नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया तो सभी ने धन्यवाद भी दिया और कहा कि उनकी बरसों पुरानी मुराद पूरी हो गई। 1987 से लेकर 1991 के बीच पाकिस्तान छोड़कर ये सभी भारत आ गए थे और तभी से नागरिकता के प्रयास कर रहे थे।
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