लखनऊ।उत्तर प्रदेश में इन दिनों सियासी तापमान हाई है। जहां एक तरफ संभल हिंसा के बाद सियासी टूरिज्म अपनी परिधी को बढ़ा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली बॉर्डर पर हो रहे किसान आंदोलन की आंच भी उत्तर प्रदेश में पहुंच चुकी है।बुधवार को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ संभल जाने के लिए भरपूर जोर आजमाइश की तो दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर दिल्ली की सीमा में दाखिल होने के लिए प्रयास करते नजर आए।इस पूरी रस्साकसी में पुलिस के पसीने से तर हो गई,लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मैनेजमेंट और पुलिस की मुस्तैदी से दोनों ही नेता अपने मंसूबे में कामयाब नहीं पाए।संभल में हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।आइए जानते हैं संभल को संभालने के लिए सीएम योगी का सुरक्षाचक्र कितना मजबूत है।
संभल में जिलाधिकारी राजेंद्र पेंस्या द्वारा जारी 163 BNSS के आदेश के तहत 10 दिंसबर तक बाहरी लोगों के आवागमन पर रोक लगाई गई है।डीएम के आदेश के बाद जिले की सीमा पर पुलिस फोर्स मुस्तैद है।एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि संभल में 10 कंपनी पीएसी और आरएएफ है, जिसका उपयोग रोजाना गश्त और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए किया जा रहा है। वहीं किसी भी प्रकार की हरकत से बचने के लिए आसपास के जिलों से भी पुलिस फोर्स बुलाया गया है। उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस एनएसए की कार्रवाई कर रही है।
सपा प्रतिनिधिमंडल को रोका
24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा की रिपोर्ट लेने के लिए 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को समाजवादी पार्टी के मुखिया ने अखिलेश यादव ने भेजा था।प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडेय,श्याम लाल पाल,सांसद हरेन्द्र मलिक,रूचि वीरा,इकरा हसन,जियाउर्रहमान बर्क समेत कई बड़े नेता शामिल थे,लेकिन पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद कर दिया। वहीं इकरा हसन समेत कुछ नेता बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें दिल्ली वापस भेज दिया।दो दिसंबर को यूपी कांग्रेस अधिवेशन अजय राय संभल में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात को जाने वाले थे,लेकिन लखनऊ पुलिस ने अजय राय को नोटिस जारी कर हिंसा प्रभावित संभल का दौरा न करने को कहा।अजय राय ने पुलिस की बात स्वीकार कर ली।
राहुल गांधी को पुलिस ने रोका
आज चार दिंसबर को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा संभल जाने के लिए आगे बढ़े तो यूपी पुलिस ने दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक लिया। काफी देर तक जदोजहद के बाद दोनों कांग्रेस नेता अपने तमाम समर्थकों के साथ वापस दिल्ली लौट गए।वहीं किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने मथुरा के पास टप्पल में रोक लिया।किसान नेता तालान को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। टिकैत को पुलिस थाने ले आई।
24 नवंबर को संभल में हुआ था बवाल
19 नवंबर को आठ लोगों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा पेश किया था। इसमें कहा गया था कि हरिहर मंदिर तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण कराया गया है। इसको लेकर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। उसी दिन सर्वे कराया गया, लेकिन रात होने और भीड़ लगातार बढ़ने के कारण इसे बाद में पूरा करने का निर्णय एडवोकेट कमिश्नर द्वारा लिया गया। 24 नवंबर की सुबह दोनों पक्षों के लोगों के साथ एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव टीम के साथ पहुंच गए थे तभी सर्वे का विरोध करते हुए भीड़ ने पुलिस के ऊपर पथराव कर दिया।फायरिंग भी हुई,जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी घायल हुए थे। पुलिस ने 37 ज्ञात और 3750 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद 250 पत्थरबाजों के पोस्टर जारी किए थे।
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