प्रयागराज।संगम नगरी में जनवरी 2025 में गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले का आयोजन महाकुम्भ के रूप में होने वाला है, जिसमें अब कुछ ही महीने शेष हैं।महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी चल रही है।इसी बीच साधु-संतों की अन्य धर्म के लोगों के दुकान न लगाने की मांग से हड़कंप मचा हुआ है।साधु संत लगातार योगी सरकार से मांग कर रहे हैं कि महाकुंभ में गैर सनातन धर्म के लोग दुकान न लगाएं,जिससे महाकुंभ की पवित्रता भंग न हो।वहीं योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सरकार सभी धर्म के लोगों के वोट पाकर बनती है, ऐसा नहीं हो सकता कि केवल एक ही धर्म के लोग दुकान लगाएं।
महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बैठक कर रहे हैं और किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं चाहते हैं।सीएम खुद महाकुंभ की तैयारियों की कमान अपने हाथ में ली हुई है।सीएम महाकुंभ से जुड़े सभी अधिकारियों और मंत्रियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और हर अपडेट ले रहे हैं।बीते दिनों सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेताओं से दिल्ली में मुलाकात कर महाकुंभ की तैयारियों से अवगत भी कराया था।
दूसरी तरफ अखिल भारतीय संत समिति,अखाड़ा परिषद और अन्य साधु संत लगातार यह मांग कर रहे हैं कि महाकुंभ में गैर सनातन धर्म के लोगों को सरकार दुकान न लगाने दे।साधु संतों का कहना है कि जिस तरीके से गैर सनातन धर्म के लोग गंदगी फैलाते हैं इससे महाकुंभ की पवित्रता भंग होगी। अखिल भारतीय संत समिति ने मांग की है कि महाकुंभ के 50 किलोमीटर की रेडियस में गैर सनातन धर्म के लोगों की दुकान नहीं होनी चाहिए।इससे पहले भी बागेश्वर धाम से लेकर कई अन्य संतों ने यह मांग महाकुंभ को लेकर उठाई है।
रामायण धारावाहिक के राम मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने कहा है कि महाकुंभ में सबको आने की इजाजत देनी चाहिए,किसी को नहीं रोकना चाहिए,अगर कोई गंगा में आकर अपना पाप धोना चाहे तो उसे पूरी छूट देनी चाहिए।योगी सरकार की पूरी कोशिश है कि महाकुंभ से पहले और महाकुंभ के दौरान किसी भी तरीके का विवाद न हो।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद में साफ कर दिया है कि सरकार सभी धर्म के लोगों के वोट पाकर बनती है।ऐसे में सरकार की परियोजनाओं का लाभ सभी धर्म के लोग लेते हैं, तो महाकुंभ मेले में ऐसा नहीं हो सकता कि केवल एक धर्म के लोग ही दुकान लगाए।
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