ब्यूरो देवी शरण मिश्रा
प्रतापगढ़।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को बेलखरनाथ धाम के निकट करमाही गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में पहुंचे।सीएम यहां पूर्व जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के आवास पर चल रही कथा में पहुंचे।इस मौक़े पर सीएम ने कथाव्यास जगतगुरु स्वामी श्रीचार्य राघव जी महाराज का आशीर्वाद लिया।साथ ही उन्हें अंगवस्त्र और माला पहनाकर सम्मानित किया।
सीएम योगी ने श्रीमद्भागवत महापुराण के मोक्ष पाठ में कहा है कि यह कथा मोक्ष का अर्थ मुक्ति का मार्ग दर्शाती है।कार्यक्रम में जगतगुरु श्री स्वामीाचार्य राघव जी महाराज ने सीएम के कार्यों की सराहना की और कहा कि उत्तर प्रदेश में तीर्थस्थलों के विकास और अयोध्या नगरी के स्वागत के लिए प्रदेश को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो रही है।
सीएम योगी ने कहा कि इस माह में लोग कथा का श्रवण आंवले के बाग में करते हैं। आप लोग सौभाग्यशाली हैं कि सुरम्य वातावरण में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण का सौभाग्य मिला। भागवत ज्ञान व वैराग्य की कथा है। जहां तक ज्ञान की बात की जाए तो सौ पढ़ा न एक प्रतापगढ़ा और जो पढ़ा, वो दइव से बड़ा। जहां भी कहीं भी प्रतापगढ़वासी रहे हैं, अपनी छाप छोड़ी है। सभी को प्रतापगढ़ व देश हित में कार्य करने की आवश्यकता है।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 75 जिले हैं,लेकिन किसी ने भी अमृत फल को अपने जनपद का फल नहीं बनाया,लेकिन प्रतापगढ़ ने आंवले को जनपद का फल बनाया। सभी को भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। सीएम ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा की वास्तविकता हम सबको प्रमाणित करती है। श्रीमद्भागवत पुराण को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है।
सीएम योगी ने कहा कि लोग मोक्ष का अर्थ मुक्ति से मानते हैं,लेकिन उससे विराट इसका महत्व है। सीएम ने कहा कि बालक,युवा,गृहस्थ,साधक एवं बुजुर्ग की प्रकृति के अनुरूप उसके कार्य क्षेत्र में सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सके, वहीं मोक्ष है। पांच हजार साल पहले कथा को सुनने का सौभाग्य शुक तीर्थ में परीक्षित को हुआ। पांच हजार वर्षों से यह सिलसिला अनवरत चला आ रहा है। कथा कोटि-कोटि लोगों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
सीएम योगी ने कहा कि पावन मास में करमाही के सुरम्य स्थल पर ऐसा लग रहा है, जैसे यहां शुक तीर्थ स्थापित कर दिया हो। हमारा सौभाग्य है कि शुक तीर्थ के पुर्नोद्धार का मौका हमारी सरकार में हमें मिला। शुक तीर्थ से गंगा की धारा कई किमी दूर जा चुकी थी,लेकिन उस समय शुक तीर्थ में गंगा की धारा को वहां दोबारा लाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
सीएम योगी ने कहा कि हमारे यहां जो युगों की कल्पना की गई है उसके अनुसार तीसरे युग द्वापर में श्रीमद्भागवत कथा की कल्पना की गई। इसके बाद चौथे युग कलयुग में इसकी शुरुआत हुई। सीएम ने कहा कि पांच हजार साल से कथा के श्रवण का साैभाग्य प्राप्त हो रहा है। कोटि-कोटि धर्मावलंबी इससे अपनी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। इससे पहले भी धर्म संस्कृति थी, जिसका प्रमाण हमें आज भी प्रस्तुत करना पड़ता है। इसके पीछे कई कारण हैं, हमें इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है।
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म सशक्त है तो विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। कथा व्यास हमेशा धर्म की जय बोलते हैं,उसके साथ ही विश्व कल्याण, प्राणियों में सद्भावना की बात करते हैं। सीएम ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भगवान की पावन कथा है। आप सभी कथा के मूल तत्वों को समझकर जन-जन तक पहुंचाएंगे। जब इंसान जन्म लेता है तो साथ में कुछ ऋण भी लेकर पैदा होता है। सभी ऋणों से मुक्ति का माध्यम यह कथा है।
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