कभी गाड़ी पलटी गई,तो कभी बाइक,असद अहमद से लेकर विकास दुबे तक चर्चित एनकाउंटर पर एक नजर
कभी गाड़ी पलटी गई,तो कभी बाइक,असद अहमद से लेकर विकास दुबे तक चर्चित एनकाउंटर पर एक नजर

18 Oct 2024 |  26




लखनऊ।उत्तर प्रदेश के बहराइच में 23 अक्टूबर को सांप्रदायिक तनाव फैलाने और 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की हत्या के आरोपी 5 लोगों को पुलिस ने गुरुवार को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।इनमें से दो के पैर में गोली लगी है।योगी सरकार में पुलिस द्वारा मुठभेड़ ने एक बार फिर से ध्यान खींचा है। बता दें कि बहराइच के महराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया,जिसमें राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

सीएम योगी के दूसरे कार्यकाल में अब तक 51 अपराधियों का खात्मा

उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में पुलिस के साथ मुठभेड़ की घटनाएं सुर्खियों में रही हैं।सपा समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियां मुठभेड़ को लेकर सवाल भी उठाती रही हैं।यूपी में पुलिस के साथ मुठभेड़ नई नहीं हैं।हालांकि ऐसी कुछ मुठभेड़ विभिन्न कारणों से दूसरी मुठभेड़ की तुलना में लंबे समय तक लोगों के जहन में बनी रहीं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 25 मार्च 2022 को दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से पुलिस मुठभेड़ में लगभग 51 अपराधी मारे जा चुके हैं,जिनमें से कुछ चर्चित मुठभेड़ इस प्रकार हैं।

कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे

कानपुर देहात में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को दो-तीन जुलाई 2020 की रात एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के कुछ दिनों बाद 10 जुलाई को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में गोली मार दी गई थी। इस सनसनीखेज मुठभेड़ ने पुलिस की गाड़ी पलट गई‌ की कहानी के लिए भी सुर्खियां बटोरी थीं।पुलिस के अनुसार‌ जिस वाहन में विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ले जाया जा रहा था वह दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पलट गया था।उसके बाद विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और पुलिस द्वारा की गई जवाबी गोलीबारी में उसे गोली लग गयी थी।

बदमाश मंगेश यादव

जौनपुर का रहने वाला बदमाश मंगेश यादव की पांच सितंबर 2024 को सुल्तानपुर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। सुल्तानपुर शहर में एक सर्राफा कारोबारी की दुकान से डेढ़ करोड़ रुपये के जेवर लूटे जाने के मामले में आरोपी यादव की पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत हो गई थी,जिसके बाद विपक्षी दल खासकर सपा ने पुलिस पर भाजपा सरकार के इशारे पर चुनिंदा जाति के लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने इस आरोप का तुरंत खंडन किया।बदमाश मंगेश यादव के एनकाउंटर के तुरंत बाद उसी डकैती मामले में एक अन्य आरोपी अनुज प्रताप सिंह भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।विपक्ष ने आरोप लगाया कि चीजों को संतुलित करने के लिए एक ठाकुर‌ को मुठभेड़ में मार दिया गया।

असद अहमद

कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद की मुठभेड़ में हुई मौत ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। असद अहमद और गुलाम अप्रैल 2023 में झांसी में एनकाउंटर में मारे गए थे।यूपी एसटीएफ ने बाइक पर हुलिया बदल कर भाग रहे असद और गुलाम को जिंदा पकड़ने की हर मुमकिन कोशिश की थी।असद बाइक भगा रहा था और पीछे बैठे गुलाम ने एसटीएफ पर पहली गोली दागी। चेतावनी के बाद भी वो न माने और उनकी तरफ से दनादन गोलियां चलाईं जा रही थीं। फिर क्या गोलीबारी का जवाब गोली से दिया गया। 42 राउंड की फायरिंग के बाद तीन गोलियां यूपी एसटीएफ की बंदूकों से निकलीं और असद के साथ गुलाम का सीना चीर गईं।ये दोनों बाइक समेत जमीन पर धरासाई हो गए।असद पर पांच लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के साथ मुठभेड़ में उसकी मौत पर राजनेताओं ने अलग-अलग रुख अपनाया। कुछ लोगों ने कार्रवाई को सही ठहराया तो कुछ ने इस पर सवाल उठाए।इस बीच आंकड़ों पर नजर डालने से पता चला कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल की तुलना में दूसरे कार्यकाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में कम मौतें हुई हैं। योगी के पहले कार्यकाल में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 158 अपराधी मारे गए थे।

बहराइच एनकाउंटर पर कांग्रेस-सपा ने उठाए सवाल

बहराइच में गुरुवार को हुई मुठभेड़ के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा और पुलिस कार्रवाई की सत्यता पर सवाल उठाए।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और योगी सरकार पर पुलिस को खराब करने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने कहा कि जब भी जांच होगी, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वे जेल जाएंगे।अखिलेश यादव ने बिना किसी का नाम लिए भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह पड़ोसी जिले का मामला है।आप मुझसे बेहतर जानते होंगे कि यह घटना (बहराइच हिंसा) कराई गई है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस मुठभेड़ की प्रामाणिकता पहले की मुठभेड़ों की तरह संदिग्ध है। ये मुठभेड़ लोगों का ध्यान भटकाने के लिए महज दिखावा करने वाली हरकतें लगती हैं।

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