यूपी में बजा उपचुनाव का बिगुल,आइए जानें किस सीट पर किस पार्टी की कैसी है तैयारी: धनंजय सिंह
यूपी में बजा उपचुनाव का बिगुल,आइए जानें किस सीट पर किस पार्टी की कैसी है तैयारी: धनंजय सिंह

15 Oct 2024 |  37





लखनऊ।उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों में से 9 सीटों पर उपचुनाव का बिगुल बज गया है।चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है।इन सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को काउंटिंग होगी।सीसामऊ,कटेहरी, करहल,कुंदरकी,फूलपुर,गाजियाबाद,मझवां,खैर और मीरापुर सीट पर वोटिंग होगी।इनमें से आठ सीटों पर उपचुनाव विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई है।वहीं एक सीट पर उपचुनाव 2022 में जीते विधायक को सजा सुनाए जाने की वजह से हो रहा है।नौ सीटों पर हो रहे इस उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है।किस सीट पर किस पार्टी का क्या दांव पर लगा हुआ है आइए जानें।

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इनमें से किसी भी सीट पर अपना प्रत्याशी अभी नहीं उतारा है।भाजपा ने मीरापुर सीट अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को दी है।वहीं भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को कोई भी सीट नहीं मिली है।निषाद पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मझवां सीट जीती थी।वहीं समाजवादी पार्टी ने 9 में से पांच सीटों पर अपना प्रत्याशी उतार दिया है।चार सीटों पर सपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है।सपा बाकी बची चार सीटों में से कुछ सीटें कांग्रेस को दे सकती है जो कि उसकी गठबंधन सहयोगी है।

सीसामऊ का कौन जीतेगा मुकाबला

सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने से कराया जा रहा है।इरफान सोलंकी को जाजमऊ में 2022 में हुई आगजनी की एक वारदात में सात साल के जेल की सजा सुनाई गई है। इरफान सोलंकी अभी महाराजगंज जेल में बंद हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी ने भाजपा के सलिल बिश्नोई को 12 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पराजित किया था।उपचुनाव के लिए सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया है।सीसामऊ में सोलंकी परिवार का काफी रसूख है।सपा को उम्मीद है कि सोलंकी परिवार के रसूख और इरफान सोलंकी के जेल जाने से पैदा हुई सहानुभूति का लाभ उसे मिलेगा।इरफान सोलंकी के पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी सीसामऊ से विधायक चुने जा चुके हैं।इस सीट पर भाजपा ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारा है।

करहल में कौन लेगा अखिलेश यादव की जगह

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने से मैनपुरी जिले की करहल सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को लगभग 68 हजार वोट के विशाल अंतर से पराजित किया था।बघेल 2024 के लोकसभा चुनाव में आगरा से सांसद चुने गए हैं।बघेल नरेंद्र मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं।अखिलेश ने 2024 का लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से जीता था।कन्नौज में सपा ने पहले अखिलेश के भतीजे तेजप्रताप यादव को टिकट दिया था,लेकिन बाद तेज प्रताप का टिकट काटकर अखिलेश यादव खुद मैदान में उतरे।सपा ने तेजप्रताप को करहल से प्रत्याशी बनाया है।यादव हार्टलैंड की इस सीट पर यादव वोटरों की बहुतायत है।इसलिए यह सीट सपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है।

कटेहरी में लाल जी वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर

कटेहरी विधानसभा सीट अंबेडकरनर जिले में आती है।साल 2022 के चुनाव में कटेहरी से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए लाल जी वर्मा के सांसद चुने जाने के बाद कटेहरी सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।उपचुनाव के लिए सपा ने लाल जी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने जितेंद वर्मा को प्रत्याशी बनाया है।भाजपा ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारा है।कटेहरी विधानसभा सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने लाल जी वर्मा को प्रत्याशी बनाया था। भाजपा और निषाद पार्टी ने अवधेश द्विवेदी और बसपा ने पूर्व विधायक पवन पाण्डेय के बेटे प्रतीक पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया था।लाल जी वर्मा ने भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी अवधेश द्विवेदी को लगभग सात हजार वोटों से पराजित किया था।बसपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर था।

किसके हाथ आएगी कुंदरकी

कुंदरकी विधानसभा सीट मुरादाबाद जिले में आती है। इस सीट पर उपचुनाव विधायक जियाउर्रहमान बर्क के सांसद बनने की वजह से कराया जा रहा है।इस उपचुनाव के लिए सपा और भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है।सपा ने इस सीट की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष के साथ चार विधायकों को सौंपी है।सपा की ओर से पूर्व विधायक रिजवान समेत दो लोगों के नाम आगे चल रहे हैं,लेकिन एक संभावना यह भी है कि सपा यह सीट कांग्रेस को दे सकती है। भाजपा ने कुंदरकी से रामवीर सिंह, ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शेफाली सिंह, कमल प्रजापति का नाम प्रदेश नेतृत्व को भेजा है। भाजपा की ओर से कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह संभाल रहे हैं।मुरादाबाद नगर के विधायक रितेश गुप्ता चुनाव प्रभारी बनाए गए हैं।

फूलपुर में खिलेगा कमल या दौड़ेगी साइकिल

2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से प्रवीण पटेल फूलपुर विधानसभा से विधायक बने थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रवीण पटेल को फूलपुर से प्रत्याशी बनाया था और प्रवीण पटेल ने जीत दर्ज की थी। प्रवीण पटेल के सांसद बनने से फूलपुर सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है।सपा ने फूलपुर विधानसभा सीट पर मुस्तफा सिद्दीकी को प्रत्याशी बनाया है। मुस्तफा बसपा से तीन बार विधायक रह चुके हैं। मुस्तफा 2020 में सपा में शामिल हुए थे।सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मुस्तफा को प्रत्याशी बनाया था,लेकिन मुस्तफा कांटे की टक्कर में भाजपा के प्रवीण पटेल से दो हजार 765 वोट के अंतर से पराजित गए थे। मुस्तफा फूलपुर के वीरकाजी गांव के निवासी हैं।मुस्तफा बसपा से 2002 और 2007 में सोरांव से विधायक बने थे,लेकिन 2012 में बसपा ने मुस्तफा को प्रतापपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था,लेकिन पराजित हो गए। फिर 2017 में बसपा ने मुस्तफा को प्रतापपुर से विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था।मुस्तफा ने जीत दर्ज की थी। इस उपचुनाव में बसपा ने फूलपुर से शिवबरन पासी को प्रत्याशी बनाया है।चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी भी अपना प्रत्याशी उतारेगी।भाजपा ने अभी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

भाजपा को गाजियाबाद में कौन देगा चुनौती

गाजियाबाद सदर विधानसभा के विधायक अतुल गर्ग के गाजियाबाद से सांसद बनने से उपचुनाव कराया जा रहा है। भाजपा से अतुल गर्ग ने 2017 और 2022 में सदर से जीत दर्ज की थी।उपचुनाव के लिए आजाद समाज पार्टी ने सतपाल चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।बसपा ने पहले रवि गौतम को प्रत्याशी बनाया था,लेकिन बाद में पीएन गर्ग को प्रत्याशी बना दिया।सपा और भाजपा ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारा है।

मझवां में सपा ने क्यों लगाया पूर्व सांसद की बेटी पर दांव

मझवां के विधायक डॉक्टर विनोद बिंद के भदोही से सांसद चुने जाने से उपचुनाव कराया जा रहा है।मझवां से सपा ने रमेश बिंद की बेटी ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया है।रमेश बिंद लगातार तीन बार मझवां से विधायक रहे हैं।रमेश बिंद लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा से भदोही से सांसद चुने गए थे,लेकिन 2024 के चुनाव से पहले रमेश बिंद सपा में शामिल हो गए।सपा ने रमेश बिंद को मिर्जापुर से टिकट दिया था।मिर्जापुर में रमेश बिंद को अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने पराजित किया था।मझवां में अभी तक भाजपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है।

भाजपा क्या खैर में बचा पाएगी अपना किला

अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर उपचुनाव विधायक अनुप प्रधान के सांसद चुने जाने से कराया जा रहा है।अनुप हाथरस से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए हैं। खैर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।भाजपा 2017 से खैर जीत रही है,लेकिन भाजपा ने अभी तक प्रत्याशी नहीं उतारा है।सपा यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को दे सकती है।सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी ने भी यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने के बाद भी यहां जाट वोट निर्णायक भूमिका में हैं।एक समय यह राष्ट्रीय लोकदल का गढ़ हुआ करता था,लेकिन भाजपा ने उसे पराजित कर दिया है।रालोद ने उपचुनाव के लिए इस सीट की मांग की थी,लेकिन भाजपा ने उसे केवल मीरापुर सीट ही दी है।

मीरापुर में निर्णायक हैं मुसलमान

मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराया जाएगा।मीरापुर से 2022 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी के चंदन चौहान विधायक चुने गए थे।वह चुनाव आरएलडी ने सपा के साथ लड़ा था।इस बार आरएलडी भाजपा के साथ है।लोकसभा चुनाव में आरएलडी विधायक चंदन चौहान भाजपा के सहयोग से बिजनौर से सांसद चुने गए हैं।इस वजह से मीरापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। भाजपा ने यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी आरएलडी को दी है।आरएलडी हर हाल में मीरापुर सीट जीतना चाहती है,हालांकि आरएलडी अभी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।आरएलडी के पास मीरापुर से दावेदारों की लंबी सूची पहुंची है।ज्यादातर दावेदार मुजफ्फरनगर के ही हैं। मीरापुर में मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं।यहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं।इसके अलावा दलित और जाट मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं।इस वजह से सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी को यहां फायदा हो सकता है,लेकिन इस गठबंधन ने अभी अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।

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