लाॅरेंस बिश्नोई के 700 शूटर,हाई प्रोफाइल टारगेट,कई देशों में फैला है नेटवर्क,जानें जेल से कैसे चला रहा गैंग
लाॅरेंस बिश्नोई के 700 शूटर,हाई प्रोफाइल टारगेट,कई देशों में फैला है नेटवर्क,जानें जेल से कैसे चला रहा गैंग

15 Oct 2024 |  29




नई दिल्ली।पंजाब के मनसा जिले में 2022 में मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई।कुछ सालों बाद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद कुख्यात बिश्नोई गैंग एक बार फिर से सुर्खियों में है।इस बार भी गैंग के सदस्यों ने मुंबई के एनसीसी राजनेता सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है.श।

66 वर्षीय एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा पूर्व में उनके विधायक बेटे के ऑफिस के बाहर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावरों ने खुद को बिश्नोई गैंग से होने का दावा किया है। बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है।

लाॅरेंस बिश्नोई का जेल से बाबा सिद्दीकी हत्याकांड को अंजाम देना उसके गैंग के मजबूत नेटवर्क और उसकी आपराधिक दुनिया में गहरी पैठ को दिखाता है।लाॅरेंस बिश्नोई जेल में रहकर न सिर्फ अपना गैंग चला रहा है बल्कि वारदात को अंजाम देने के लिए मजबूत नेटवर्क भी बना लिया है।

क्राइम के ग्लोबल ऑपरेशन के साथ कई महाद्वीपों में फैला बिश्नोई गैंग कोई छोटा-मोटा सिंडिकेट नहीं है।लाॅरेंस का नेटवर्क बहुत बड़ा है।ये पंजाब,हरियाणा,राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों तक फैला हुआ है। विदेशों में खासकर कनाडा में लाॅरेंस बिश्नोई का स्ट्रांग लिंक हैं। कनाडा में अपराध के सिंडिकेट में लाॅरेंस बिश्नोई का बराबर का भागीदार गोल्डी बराड़ भी है।उसके प्रभाव और नेटवर्क का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉरेंस बिश्नोई जेल में बंद है, तब भी वो अपनी गैंग चला रहा है।

जबरन वसूली,हत्या और हथियारों की तस्करी में बिश्नोई गैंग की भागीदारी पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रही है। ये गैंग मुख्य रूप से हाई प्रोफाइल टारगेट से पैसे की उगाही करता है, जिसमें पंजाबी गायक,शराब माफिया,प्रमुख व्यवसायी और मशहूर हस्तियां शामिल हैं। इन्हें डराने धमकाने या मारने के लिए ये लोग पेशेवर निशानेबाजों को शामिल करते हैं।

1993 में पैदा हुआ 31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फिरोजपुर जिले धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है,जो दिल्ली से लगभग सात घंटे की दूरी पर है। लाॅरेंस बिश्नोई के पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे,लेकिन लॉरेंस बिश्नोई की महत्वाकांक्षा उसे क्राइम की दुनिया में ले गई।चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ने के दौरान लाॅरेंस बिश्नोई की पहली बार संगठित अपराध की दुनिया से परिचय हुआ। लाॅरेंस बिश्नोई की मुलाकात वहां गोल्डी बराड़ से हुई, जो बाद में उसका करीबी सहयोगी बन गया।

गुजरात की साबरमती जेल हो या दिल्ली की तिहाड़ जेल लॉरेंस बिश्नोई बातचीत के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है।पिछले कुछ सालों में इस लाॅरेंस बिश्नोई को एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित किया जाता रहा है और कारावास में अकेले रखा गया है।इस साल की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में लॉरेंस बिश्नोई को कथित तौर पर पाकिस्तान के गैंगस्टर शहजाद भट्टी के साथ बातचीत करते हुए भी देखा गया था।

ऐसे कैदियों के मोबाइल फोन में अक्सर उन लोगों के आईपी पते और जगहों को छिपाने के लिए हाई-एंड वीपीएन नेटवर्क लगे होते हैं।लॉरेंस बिश्नोई भारत और विदेशों में अपने सहयोगियों के साथ बात करने के लिए सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप का उपयोग करता है। बिश्नोई गैंग का जाल कई देशों में फैला हुआ है।खासकर उत्तरी अमेरिका में लॉरेंस बिश्नोई अक्सर अपने भाई अनमोल, सहयोगियों गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा के संपर्क में रहता है।इस गैंग की खालिस्तानी आतंकवादियों और उत्तरी अमेरिका में स्थित खालिस्तानी अलगाववादी समूहों के साथ घनिष्ठ दोस्ती है।

बताया जाता है कि भारत में लाॅरेंस गैंग के लगभग 700 शूटर हैं।सूत्रों के मुताबिक इस गैंग में स्थानीय गैंगस्टरों के संपर्क में रहता है।ये स्थानीय ग्रुप ही शूटरों को हायर करते हैं, जो हथियारों चलाने में एक्सपर्ट होते हैं और लाॅरेंस गैंग के निर्देश पर किसी भी कॉन्ट्रेक्ट किलिंग की घटना को अंजाम देते हैं। इसके लिए उन्हें पैसे दिए जाते हैं।

नई भर्ती होने वाले शूटर अक्सर गरीब या कम उम्र के लड़के होते हैं, जो जल्दी पैसा कमाने की तलाश में रहते हैं।इन शूटरों को ये भी पता नहीं होता है कि वो किसके लिए काम कर रहे हैं।उन्हें बस जिसको मारना है वो टारगेट दिया जाता है।बिश्नोई गैंग एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह काम करता है,ठीक उसी तरह जैसे दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी काम करती है।

बिश्नोई गैंग के पास शार्पशूटर और भारी मात्रा में हथियार के अलावा अलग-अलग डिवीजन और लोग भी हैं, जो खाना, कानूनी सहायता और सूचना इकट्ठा करने का काम करते हैं।

पिछले कुछ सालों में बिश्नोई गैंग की आपराधिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं।पंजाबी गायकों और शराब माफियाओं से जबरन वसूली करने से लेकर हाई प्रोफाइल हत्याएं करने तक, ये गैंग अपने कारनामों के बाद कुख्यात हो गया है।

माना जाता है कि जेल के अंदर से भी लॉरेंस बिश्नोई ने गैंग के संचालन पर पूरा नियंत्रण बनाए रखा था। जेल अधिकारियों को लंबे समय से संदेह है कि लॉरेंस बिश्नोई, देश की हाई सिक्योरिटी के भीतर कैद कई अन्य गैंग के लीडरों की तरह, तस्करी के मोबाइल फोन और बाहर उसके आदेशों को पूरा करने वाले वफादार सहयोगियों की मदद से अपना आपराधिक साम्राज्य चलाता है। लॉरेंस बिश्नोई कुछ दिन पहले भरतपुर जेल के अंदर मोबाइल फोन के जरिए जबरन वसूली की कोशिश करता हुआ पकड़ा गया था।

लॉरेंस बिश्नोई की सबसे बड़ी साजिशों में से एक काला हिरण के शिकार को लेकर फिल्म अभिनेता सलमान खान की हत्या की योजना है, क्योंकि काले हिरण को बिश्नोई समुदाय द्वारा पवित्र माना जाता है।इसको लेकर इसी साल 14 अप्रैल को, बाइक सवार दो लोगों ने मुंबई के बांद्रा में सलमान खान के घर के बाहर कई राउंड फायरिंग भी की थी, जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी।

चार्जशीट के मुताबिक बिश्नोई गैंग ने एक्टर की हत्या के लिए 25 लाख रुपये की सुपारी दी थी। अगस्त 2023 से अप्रैल 2024 तक कई महीनों में ये योजना बनाई गई थी।जांच से पता चला है कि गैंग का इरादा पाकिस्तान से आधुनिक हथियार हासिल करना था, जिसमें एके-47, एके-92, एम16 राइफल और तुर्की निर्मित जिगाना पिस्तौल शामिल है।

बिश्नोई गैंग के नेटवर्क में अन्य अपराधियों में कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ ​​काला जठेरी भी शामिल है।जठेरी को 2021 में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था।

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