एलओसी पर सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर, घुसपैठ की कोशिश नाकाम
एलओसी पर सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को किया ढेर, घुसपैठ की कोशिश नाकाम

05 Oct 2024 |  42




कुपवाड़ा।जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में लाइक ऑफ कंट्रोल(एल‌ओसी)के पास सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है।दोनों आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।सेना ने इस ऑपरेशन में आतंकियों के पास से हथियार और अन्य युद्ध से संबंधित सामग्री बरामद की है।भारतीय सेना ने शनिवार को यह जानकारी दी।

सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने कहा कि अभियान में सुरक्षाबलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है।कोर ने इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि सैनिकों ने कुपवाड़ा के गुगलधार में संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद कार्रवाई शुरू की तो दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। सेना ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से युद्ध में प्रयोग किए जाने वाले कुछ सामान बरामद हुए हैं।

एलओसी पर बारूदी सुरंग में विस्फोट से घायल हुए थे दो जवान

इससे पहले कुपवाड़ा जिले में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास शुक्रवार को बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से दो जवान घायल हो गए थे।जब ये धमाका हुआ था तब जवान एल‌ओसी पर गश्त पर थे।घायल जवानों की पहचान 19 सिख रेजिमेंट के एक हवलदार और एक नायक के रूप में हुई है।एक अधिकारी ने बताया कि घायल सैनिकों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।डॉक्टरों के अनुसार दोनों घायल जवानों की हालत स्थिर है।

घाटी के अलावा जम्मू डिवीजन में भी सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर

श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने गुरुवार को ही पत्रकारों से कहा था कि कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए एलओसी की सुरक्षा में तैनात सैनिकों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।कश्मीर घाटी के अलावा जम्मू डिवीजन में भी सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं।पिछले तीन-चार महीनों में जम्मू के डोडा,कठुआ,राजौरी,पुंछ और रियासी जिलों में सेना, स्थानीय पुलिस और नागरिकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हिट-एंड-रन हमलों के बाद माना जा रहा है कि ये आतंकवादी कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी हैं।

सुरक्षाबलों के एक्शन के बाद आतंकी हमलों में कमी

पहाड़ी इलाकों में सेना और अन्य लोगों पर घात लगाकर हमला करने के बाद आतंकवादी इन पहाड़ी जिलों के घने जंगलों में भाग जाते थे।आतंकवादियों की इन चालों को नाकाम करने के लिए जम्मू डिवीजन के पहाड़ों की चोटियों और घने जंगलों में चार हजार से अधिक पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित जवानों को तैनात किया गया था। सुरक्षाबलों की रणनीति के बाद इन जिलों में आतंकवादी हमलों में भारी कमी आई है।

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