नई दिल्ली।आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।सुप्रीम कोर्ट ने आबकरी नीति मामले से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत की शर्तों में बदलाव की मनीष सिसोदिया की मांग को मंजूरी दे दी।ज़मानत की शर्तो के मुताबिक सिसोदिया को हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के दफ्तर में हाजिरी लगानी पड़ती थी।कोर्ट ने सिसोदिया के आग्रह पर इस शर्त को आज हटा लिया। हालांकि कोर्ट ने सिसोदिया को कहा है कि वो नियमित रूप से ट्रायल में शामिल हों।
सिसोदिया ने कोर्ट को कहा-थैंक्स
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। सिसोदिया ने एक्स पोस्ट में लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार, जिसने ज़मानत की शर्त को हटाकर राहत प्रदान की है। यह निर्णय न केवल न्यायपालिका में मेरी आस्था को और मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की शक्ति को भी दर्शाता है। मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति अपने कर्तव्यों का सम्मान करता रहूंगा।
कोर्ट ने सिसोदिया को दी थी जमानत
पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई हुई।वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सिसोदिया की मांग रखी थी। नौ अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी।अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि कथित आबकारी नीति मामले में मुकदमे के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद में उन्हें असीमित समय तक सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता।
बता दें कि शराब नीति घोटाले के मौजूदा मामले में ईडी के साथ-साथ सीबीआई मामले में 493 गवाहों के नाम हैं और मामले में हजारों पन्नों के दस्तावेज और एक लाख से अधिक पन्नों के डिजिटाइज्ड दस्तावेज शामिल हैं।
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