तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद में मिलावट विवाद के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति ने जारी की एसओपी
तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद में मिलावट विवाद के बाद बदरी-केदार मंदिर समिति ने जारी की एसओपी

10 Oct 2024 |  40





देहरादून।तिरुपति मंदिर के प्रसाद के मामले के बाद उत्तराखंड में बदरीनाथ,केदारनाथ धाम के अलावा बीकेटीसी के अधीन आने वाले मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता व शुद्धता के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की प्रसाद को लेकर जारी एसओपी में भोग प्रसाद तैयार करने और उसमें इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री,भंडारण के साथ निगरानी के लिए दिशा निर्देश दिए गए।प्रसाद और भोग में इस्तेमाल होने वाले चावल, तेल, घी, मसाले, केसर की जांच और विश्वसनीय व्यापारी से खरीदने के निर्देश दिए गए।भोग और प्रसाद को बनाने के लिए इस्तेमाल तेल को अधिकतम तीन बार से ज्यादा उपयोग न किया जाए।इसके अलावा भोग और प्रसाद तैयार करने के लिए कर्मचारियों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्तर से उपरोक्त कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए मंदिर समिति, स्थानीय हित धारकों, स्थानीय प्रशासन व खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा नामित अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जाएगी।इसके अलावा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की ओर से अधिकृत प्रयोगशाला में खाद्य सामग्री की जांच कराई जाएगी।

मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता के बारे बताया है।विजय प्रसाद ने कहा कि साल में कम से कम एक बार फूड सेफ्टी ऑडिट होगा।इसके अलावा बीकेटीसी के अधीन आने वाले मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता के लिए भी यही एसओपी रहेगा।

एसओपी की खास बातें

भोग प्रसाद तैयार करने और उसमें इस्तेमाल होने वाली खाद्य सामग्री, भंडारण के साथ निगरानी होगी

साल में कम से कम एक बार भोग प्रसाद की फूड सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा।

प्रसाद व भोग में इस्तेमाल होने वाले चावल, तेल, घी, मसाले, केसर की जांच और विश्वसनीय व्यापारी से खरीदा जाएगा।

भोग व प्रसाद को बनाने के लिए इस्तेमाल तेल को अधिकतम तीन बार से ज्यादा उपयोग न किया जाए।

भोग और प्रसाद तैयार करने के लिए कर्मचारियों को स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।

खाद्य सामग्री को लंबे समय तक स्टॉक में न रखा जाए।

गुणवत्ता और शुद्धता की जांच के लिए नियमित रूप से निगरानी की जाएगी। साल में एक बार भोग और प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से अधिकृत प्रयोगशाला में खाद्य सामग्री की जांच कराई जाएगी।

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