अमेरिका का दावा,पूर्व रॉ अधिकारी ने रची सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की साजिश
अमेरिका का दावा,पूर्व रॉ अधिकारी ने रची सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की साजिश

18 Oct 2024 |  12




नई दिल्ली।अमेरिका ने एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है।दावा किया गया है कि अधिकारी की पहचान 39 वर्षीय विकास यादव के रूप में हुई है।अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया कि यादव ने पैसे देकर हत्या की साजिश रची।

अमेरिका के लोगों के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं

एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे ने एक बयान में कहा कि एफबीआई अमेरिका में रहने वालों के खिलाफ हिंसा या बदले की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगी। रे ने दावा किया कि साजिश कथित तौर पर मई 2023 में रचनी शुरू की गई थी। उस समय कथित तौर पर भारत सरकार के कर्मचारी रहे विकास यादव ने हत्या के लिए भारत और विदेशों में रह रहे लोगों की मदद की।उनका टारगेट गुरपतवंत सिंह पन्नू था, जो भारत में एक नामित आतंकी है, जो कि खालिस्तानी समर्थक है।

पूर्व भारतीय जासूस पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप

रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी विकास यादव के प्रत्यर्पण की मांग कर सकते हैं।विकास यादव पर पन्नू की हत्या के लिए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को हायर करने का आरोप है।निखिल गुप्ता को पिछले साल जून में प्राग में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अमेरिका में उनको प्रत्यर्पित किया गया।हालांकि निखिल ने दोषी नहीं होने की बात कही थी।अभियोग में बताया गया है कि कैसे रॉ एजेंट विकास यादव ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए हायर किया था।अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि निखिल गुप्ता को लगा कि 2023 में कनाडा में निज्जर की हत्या के बाद पन्नू को तुरंत मारने की जरूरत है।अभियोग के मुताबिक निखिल गुप्ता का मानना ​​था कि निज्जर की हत्या के बाद पन्नू की हत्या के लिए इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है।

पन्नू मामले में क्या हुआ था

इस साल सितंबर में अमेरिका की एक अदालत ने पन्नू केस को लेकर भारत सरकार को समन जारी किया था,जिसमें हत्या की साजिश का आरोप लगाया गया था।भारत सरकार ने समन को पूरी तरह से अनुचित बताया था।समन में भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, विकास यादव और निखिल गुप्ता को नामित किया गया था।उनसे 21 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था।

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