हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बाद भाजपा की अगली चुनौतियां क्या हैं:धनंजय सिंह
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बाद भाजपा की अगली चुनौतियां क्या हैं:धनंजय सिंह

10 Oct 2024 |  40




लखनऊ।हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गए हैं।हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने एतिहासिक जीत दर्ज की है।जम्मू-कश्मीर में भी भाजपा को उम्मीद के मुताबिक ही सफलता मिली है।हरियाणा में लगातार तिसरी बार भाजपा सरकार बनाने जा रही है।हरियाणा में ऐसा पहली बार होगा कि किसी पार्टी की लगातार तिसरी बार सरकार बनने जा रही है।इन प्रमुख राज्य हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव में तो भाजपा को उम्मीद के मुताबिक सफलता मिल गई है।अगले छह महीनों में भाजपा को किन चुनौतियों का सामना करना है।किस राज्य में भाजपा को चुनाव लड़ना है और किस राज्य में उपचुनाव।

अगले छह महीनों में महाराष्ट्र और झारखंड के साथ दिल्ली विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है।महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर और झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को खत्म हो रहा है।चुनाव आयोग जल्द ही इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।दिल्ली विधानसभा का कार्याकाल 23 फरवरी तक है।इसके अलावा छह राज्यों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं। इनके चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी तक चुनाव आयोग ने नहीं की है।

अगले छह महीनों में जिन दो राज्यों और एक केंद्र शासित राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं,उसमें सबसे बड़ा है महाराष्ट्र।महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं।महाराष्ट्र में इस समय शिवसेना, भाजपा और एनसीपी अजित पवार गुट के महायुति की सरकार है।महायुति में शामिल दोनों दलों तोड़-फोड़ के बाद अस्तित्व में आए हैं,लेकिन इनको अपनी पार्टी का मुख्यनाम लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिला है।महाराष्ट्र में महायुति का मुकाबला शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरदचंद पवार) और कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी (एमवीए)से है।

विधानसभा चुनाव में महायुति और महाविकास अघाड़ी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है।महायुति अपनी लोक लुभावन योजनाओं के साथ जनता के बीच जाएगी।वहीं एमवीए दलबदल और पार्टी में तोड़फोड़ के दम पर सत्ता छीने के बाद बदले की लड़ाई लड़ेगा।यह चुनाव अजित पवार, एकनाथ शिंदे, शरद पवार और उद्धव ठाकरे की परीक्षा भी लेगा।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2019 में हुआ था। भाजपा-शिवसेना गठबंधन को जीत मिली थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी को लेकर गठबंधन टूट गया था। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई,लेकिन सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। 2022 में शिवसेना में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह हुआ।शिंदे ने 40 विधायकों के साथ अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाई। वहीं पिछले साल अजित पवार भी एनसीपी में बगावत कर भाजपा-शिवसेना की सरकार में शामिल हो गए।शिव सेना और एनसीपी में हुई बगावत का इम्तेहान लोकसभा चुनाव में हुआ।इसमें एमवीए ने राज्य की 48 में से 30 सीटों पर कब्जा जमाया।महायुती को 17 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।एमवीए में शामिल कांग्रेस को 13, शिवसेना (यूबीटी) को नौ और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) को आठ सीटें मिली थीं।वहीं महायुति की भाजपा को नौ, शिवसेना को सात और एनसीपी को केवल एक सीट पर जीत मिली थी।इसे महायुति की बड़ी हार के रूप में देखा गया। इस जीत से एमवीए के हौंसले बुलंद हैं।आरक्षण की मांग को लेकर जारी मराठा आंदोलन भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।इसे भाजपा लोक लुभावन परियोजनाओं से निपटने की कोशिश कर सकती है। वहीं शिवसेना और एनसीपी में हुई तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सहानुभूति है।

महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं।झारखंड में इस समय झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस,आरजेडी और वामदलों के महागठबंधन की सरकार है।झामुमो इसमें बड़ा पार्टनर है।इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा था।जेल जाने से पहले हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था।चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे।जमानत मिलने के बाद जब हेमंत सोरेन जेल से रिहा हुए और एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे।चंपाई सोरेन को 156 दिन बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देना पड़ा था।इससे नाराज होकर चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हो गए।

झामुमो में 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी।कांग्रेस ने 16, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30, आरजेडी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार चुनाव में सरकार बनाने के लिए सीटें जीतने के लिए भाजपा को संथाल परगना और कोल्हान की 32 सीटों पर फोकस करना होगा।संथाल परगना की 18 विधानसभा सीटों में से केवल तीन पर ही भाजपा जीत पाई थी।वहीं कोल्हान प्रमंडल की 14 विधानसभा सीटों पर भाजपा का खाता भी नहीं खुला था।यहां तक की जमशेदपुर पूर्वी सीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद ही चुनाव हार गए थे।

महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अगला चुनाव केंद्र शासित राज्य दिल्ली में होना है।दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है।दिल्ली में पिछले 10 सालों से आम आदमी पार्टी की सरकार है।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नवंबर में चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस पर अभी चुनाव आयोग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।शराब नीति घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से बाहर आए थे और 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।दिल्ली आप का सबसे मजबूत गढ़ है उसे भेद पाना भाजपा के लिए अभी भी टेढी खीर बना हुआ है।हालात यह है कि आप ने 2015 के चुनाव में 70 में से 68 सीटें जीती थीं तो 2020 में 70 में से 63 सीटों पर कब्जा जमाया था।इसी कब्जे को भाजपा तोड़ना चाहती है,लेकिन पिछले दो चुनाव से भाजपा नाकामी हाथ लगी है।

दिल्ली केंद्र शासित राज्य होने से आम आदमी पार्टी और भाजपा में जुबानी जंग चलती रहती है।पिछले काफी समय से भाजपा अरविंद केजरीवाल सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है।दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितता के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जेल जा चुके हैं।वहीं भ्रष्टाचार के आरोप में ही एक पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में बंद हैं।भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव में भी इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही आप सरकार को घेर रही है।

दिल्ली की सियासत में कांग्रेस जीरो हो चुकी है।कांग्रेस और आप में हरियाणा विधानसभा चुनाव में समझौता होना था,लेकिन नहीं हो पाया।कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतते-जीतते हार गई।अब उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस और आप दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए समझौता कर लें, लेकिन दोनों दलों का गठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में फेल हो चुका है।

अगले कुछ महीनों में ही उत्तर प्रदेश की 10, राजस्थान की छह, पंजाब की पांच, बिहार की चार, मध्य प्रदेश की दो और छत्तीसगढ़ की एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है।इनमें से पंजाब छोड़कर सभी जगह भाजपा की सरकार है। ऐसे में अधिकांश राज्यों में भाजपा को एंटी इन्कम्बेंसी का सामना कर पड़ सकता है।

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