नई दिल्ली।नई जगह,नए टारगेट और एक के बाद एक लगातार हमले।आतंकियों का ये पैटर्न नया है।पिछले एक महीने में जम्मू में 6 बड़े हमले हुए हैं।इस हमले में सेना और आम लोगों को निशाना बनाया गया है।अब सवाल उठ रहा है कि घाटी छोड़कर आतंकी अब जम्मू में क्यों टारगेट कर रहे हैं,जम्मू क्षेत्र अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है, हाल के महीनों में आतंकियों द्वारा किए गए हमलों की एक सीरीज से दहल गया है।ये हमले सीमावर्ती जिले पुंछ,राजौरी, डोडा और रियासी में हुए हैं।
*एक माह में 7 हमले*
7 जुलाई 2024 को राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके के गुलाठी गांव में प्रादेशिक सेना के शिविर पर सुबह लगभग चार बजे गोलीबारी हुई।इसमें एक जवान घायल हो गया।
8 जुलाई 2024 को जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किये गए आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं।
15 जुलाई 2024 को जम्मू के डोडा में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कैप्टन सहित चार जवान शहीद हो गए। जम्मू के डोडा में जंगल में सोमवार रात सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई।
26 जून 2024 को डोडा जिले के गंडोह इलाके में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया।सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी।
12 जून 2024 को डोडा जिले में दो आतंकी हमले हुए।इसमें पांच जवान और एसपीओ घायल हो गए थे।
11 जून 2024 को कठुआ में आतंकियों से मुठभेड़ में छिंदवाड़ा के कबीरदास उइके शहीद हो गए।सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया।
9 जून 2024 को जम्मू के शिवखोड़ी में तीर्थयात्रियों की एक बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी।
पिछले कुछ सालों से कश्मीर घाटी में सेना की जबरदस्त पकड़ मजबूत हुई है।आतंकी हमलों और सीमापार से होने वाली घुसपेठ में भी बहुत कमी आई है।अब कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं नहीं देखने को मिलती हैं।ऐसे में आतंकियों के आकाओं में यकीनन बैचेनी होगी।इसलिए आतंकियों ने नए टारगेट चुने हैं।ऐसा माना जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों में हालिया वृद्धि उनके पाकिस्तानी आकाओं द्वारा आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है। डोडा जिले के गंदोह इलाके में हाल ही में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। 26 जून को मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकी मारे गए थे।गोलीबारी की घटना में राजौरी जिले के मंजकोट इलाके में सेना के एक शिविर को निशाना बनाया गया,जिसमें एक सैनिक घायल हो गया था।
सबसे दुखद घटनाओं में से एक नौ जून को हुई,जब आतंकियों ने रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ला रही एक बस पर हमला किया।इस हमले में नौ लोगों की जान चली गई और 41 घायल हुए।ये घटनाएं क्षेत्र में बढ़ती हिंसा की उस प्रवृत्ति को रेखांकित करती है,जिसमें सुरक्षा बलों के वाहनों, खोज दलों और सैन्य काफिलों पर हमलों में नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों हताहत हुए हैं।
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