रिपोर्ट-तुर्रम सिंह
एटा।जेलसर में जो लोग कभी जीएसटी के फायदे गिनाते थे और प्रधानमंत्री मोदी का मास्टर स्ट्रोक बताकर ज्ञान का पाठ पढ़ाते थे।ऐसे लोग दो तीन दिनों से दुकानों का शटर बंदकर भागने में महारत हाशिल कर रहे हैं।ऐसी स्थिति सिर्फ़ एटा में हीं नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की है।सबसे मजे की बात तो यह है जब कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया तब उनको पप्पू बोलकर ऐसे ही लोग राहुल गांधी का उपहास उड़ा रहे थे।
उत्तर प्रदेश में दो तीन दिन से लगातार जीएसटी की टीमें प्रत्येक जिले में ताबड़तोड़ छोटे से लेकर बड़े दुकानदारों के प्रतिष्ठानों पर जांच कर रही हैं। जीएसटी टीमों की दहशत ऐसी है कि दुकानदार दुकानों के शटर बंदकर बचने का जुगाड़ तलाश रहे हैं।अब सोचने का विषय यह है कि आखिर जब जब व व्यापारी राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं,तो जीएसटी टीमों से डर क्यों हैं। कहीं ऐसा तो नहीं राष्ट्रहित का चोला ओढ़कर गोलमाल कर रहे हैं। वैसे देश का इतिहास रहा है जब-जब देश पर आपदा आई तो उसमें व्यापारियों ने अवसर तलाशा है और घरेलू जरूरतों की वस्तुओं पर बेहताशा दाम बढ़ाकर गरीबों का खून ही चूसा है।
अगर जीएसटी की टीमें संवैधानिक दायरे में रहकर ऐसे माफियाओं पर शिकंजा कस रही हैं जो टैक्स चोरी करके अपनी तिजोरियां भर रहे हैं तो इस पहल की सराहना करनी चाहिए। इसी क्रम में जलेसर TTZ क्षेत्र होने के बावजूद ईंट भट्टा, सोरा के अवैध कारखाने संचालक उस समय कारखानों के गेट से ताला ठोंक कर भागने में सफल हुए जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी जलेसर रामनयन उन सभी दर्जनों कारखानों का निरीक्षण करने पहुंचे जो अपने आपको मानक पूरे कर अवैध कारोबारों को चलाने का दावा भर रहे थे।ऐसे में अब पोल जमकर खुली।
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