बात कश्मीर की हो रही थी,बीच में आ गया राजा भइया वाला सवाल,अखिलेश ने ये दिया जवाब
बात कश्मीर की हो रही थी,बीच में आ गया राजा भइया वाला सवाल,अखिलेश ने ये दिया जवाब

25 Apr 2025 |  47



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी



लखनऊ।जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने से देशभर में शोक और गुस्सा है।राजनीतिक दलों के नेता भी इस आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय राजधानी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के मुखिया कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया का भी आतंकियों के कायराना हमले पर रिएक्शन आया है।

अखिलेश ने राजा भइया को लेकर ये कहा

इसी बीच अखिलेश यादव ने राजा भ‌इया को लेकर भी कुछ ऐसा कह दिया है,जो चर्चा में है।बता दें कि गुरुवार को अखिलेश यादव ने लखनऊ में सपा कार्यालय में मीडिया से बात की।इस दौरान अखिलेश से पूछा गया कि राजा भइया ने कश्मीर टूरिज्म के बॉयकॉट की अपील की है।इस सवाल पर अखिलेश ने राजा भइया को लेकर साफ कहा कि हमारा कोई परिचय उनसे नहीं है।इसी के साथ अखिलेश ने राजा भइया के बयान पर भी कोई रिएक्शन नहीं दिया।

राजा भइया ने लोकसभा चुनाव में दिया था सपा का साथ

बता दें कि राजा भइया ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कथित तौर से सपा का साथ दिया था।इसके बाद ऐसा लगा था कि सालों बाद राजा भइया और सपा की दूरियां कम हुई हैं। प्रतापगढ़ में अखिलेश यादव की हुई चुनावी जनसभा में भी अखिलेश के सामने जमकर राजा भइया जिंदाबाद के नारे लगे थे।राजा भइया के समर्थक भारी संख्या में अखिलेश की जनसभा में शामिल हुए थे।इस दौरान अखिलेश ने भी बिना नाम लिए राजा भइया का भी जिक्र किया था। अखिलेश ने इशारों ही इशारों में राजा भइया के समर्थन पर अपनी खुशी जाहिर की थी।अखिलेश ने कहा था, जो थोड़ा बहुत नाराज थे, वह भी आज हमारे साथ हैं,लेकिन अब अखिलेश ने साफ कह दिया है कि उनका उनसे कोई परिचय नहीं है।इसके बाद से चर्चा शुरू हो गईं हैं कि आखिर राजा भइया और अखिलेश के बीच अब क्या हो गया,आखिर लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा क्या हुआ कि राजा भइया और अखिलेश में फिर दूरियां बढ़ गईं।

अखिलेश यादव पीडीए के रथ पर सवार होकर क्षत्रियों को ले रहे हैं निशाने पर

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव इस समय पीडीए के रथ पर सवार हैं और क्षत्रियों को निशाने पर ले रहे हैं।माना जा रहा है कि इस समय शायद अखिलेश बड़े क्षत्रियों नेताओं से दूरी बना रहे हैं,इसलिए ही उनका ये रिएक्शन सामने आया है। माना ये भी जा रहा है कि करणी सेना मामले को लेकर भी अखिलेश ने राजा भइया को लेकर ये टिप्पणी की है,क्योंकि आगरा में करणी सेना ने जब सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर हंगामा किया था, तो घायल करणी सेना के कार्यकर्ताओं के साथ राजा भइया ने वीडियो कॉल की थी।

मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे राजा भइया

बता दें कि राजा भइया सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के काफी करीब थे।मुलायम सिंह की सरकार में राजा भइया कैबिनेट मंत्री बने थे। राजा भइया की शादी में भी मुलायम सिंह यादव ने अहम किरदार निभाया था।ऐसे में राजा भइया का यादव परिवार से पुराना और गहरा संबंध रहा है।

2023 में हाथ भी मिला चुके हैं राजा भइया और अखिलेश

साल 2023 में राजा भइया और अखिलेश यादव में करीबी रही थी।लखनऊ के ताज होटल में सपा के कद्दावर नेता अरविंद सिंह गोप के भतीजे की शादी का कार्यक्रम था। कार्यक्रम में अखिलेश यादव भी पहुंचे थे।इस कार्यक्रम में राजा भइया भी पहुंचे थे।राजा भइया और अखिलेश आमने-सामने आ गए थे,दोनों नेताओं ने आगे आते हुए और मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से हाथ मिलाया था।

राजा भइया ने पहलगाम हमले को लेकर ये कहा था

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर राजा भइया ने हिंदुओं से कश्मीर टूरिज्म के बॉयकॉट की मांग की है। राजा भइया ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि था,कश्मीर में हिन्दू तो पहले ही मारे काटे जा चुके हैं,जो जान बचाकर भागने में सफ़ल रहे वे अपने ही देश में आज भी शरणार्थी हैं,अब अपने पर्यटक भाई बहनों से कहना चाहूंगा कि जब हम अपने बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में कश्मीर घुमाने ले जाते हैं तो न सिर्फ अपने परिवार के जीवन को खतरे में डालते हैं बल्कि आतंकवादी, अलगाववादी, जेहादी ताकतों को आर्थिक रूप से मजबूत करते हैं, इतना ही नहीं हम अनजाने में अपने ही ख़िलाफ़ छिड़े जेहाद को अपनी ही जेब से फ़ंड करते हैं,डल झील में नावों पर सपरिवार सेल्फी लेकर हम विश्व को ये संदेश देते हैं कि कश्मीर में अमन चैन है, लेकिन आज फिर एक बार असलियत सबके सामने आ गयी।

राजा भइया ने आगे लिखा था,इसमें कोई शक नहीं कि कश्मीर में लगभग सभी की मानसिकता अलगाववादी है, कोई प्रत्यक्ष तो कोई परोक्ष रूप से आतंक का समर्थन करता है और वहां के राजनैतिक दल भी इसका अपवाद नहीं हैं,ऐसे में हम कश्मीर जाकर होटल,भोजन,ख़रीदारी करके उनके अल-जेहाद को ही बल देते हैं,जिन पर्यटकों की उनके परिजनों के सामने बर्बर हत्या की गयी,उनकी पैंट उतरवा कर आतंकवादियों ने ये तय किया कि वो मोमिन है या क़ाफ़िर,कलावा देख के और वस्त्र उतारकर धर्म देखने के बाद गोली मारने वाले आतंकियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद का मज़हब होता है।

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