पत्रकारों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयत्नशील है एनयूजे
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उत्तर प्रदेश) की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में बोले प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना
प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में संगठन विस्तार, जनपद इकाइयों के शपथ ग्रहण और स्मारिका प्रकाशन का प्रस्ताव पेश
राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने कहा- संगठन पुन: सक्रिय हो रहा, आर्थिक सम्बल बनाने के लिए प्रयास किए जाए
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को दारुलशफा के काॅमन हाल में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उत्तर प्रदेश) की प्रदेश कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।बैठक की अध्यक्षता एनयूजे के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने की।इस बैठक में पत्रकारिता के मौजूदा हालात,पत्रकारों के संरक्षण,उनके अधिकारों और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
बैठक का संचालन करते हुए महामंत्री संतोष भगवन ने संगठन की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला।बैठक में विभिन्न जिलों में कार्यकारिणी के गठन,शपथ ग्रहण समारोह सहित तहसील और ब्लॉक प्रभारियों के चयन का सुझाव दिया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि सभी के प्रयास से यह संगठन पुन: सक्रिय हो रहा है।संगठन को आर्थिक रूप से सम्बल बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। प्रमोद गोस्वामी ने कार्यकारिणी के समक्ष स्मारिका प्रकाशित किए जाने का प्रस्ताव रखा। इस पर विभिन्न सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए।कहा गया कि डिजिटल युग में ई-मैगजीन पर ध्यान देने की जरूरत है।
वरिष्ठ पत्रकार संगठन के संरक्षक के बक्श सिंह ने कहा कि किसी भी संगठन के सदस्यों का दायित्व है कि बैठक में लिए गए निर्णयों का अनुपालन समय पर किया जाए।संरक्षक सुरेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि मंडल स्तर पर इकाइयों की बैठक कराई जानी चाहिए। पत्रकारों को वर्तमान समय में संगठित होने की जरूरत है।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि पत्रकारों के हित के लिए एक बार फिर संगठन खड़ा हो रहा है। यह संगठन पत्रकारों के हित के लिये कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि एनयूजे संगठन पत्रकारों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयत्नशील है।
प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान ने संगठन की वित्तीय स्थिति का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए सभी से सहयोग की अपील की। बैठक में पत्रकारों के लिए मीडिया डायरेक्टरी निकाले जाने का सुझाव दिया गया है, जिससे सभी जिलों के पत्रकारों की जानकारी आसानी के साथ सुलभ हो सकेगी। यह भी कहा गया कि जिले स्तर पर क्षेत्रीय इकाइयां कार्यक्रम कर शासन-प्रशासन को भागीदार बनाएं।इससे एनयूजे यूपी की पहचान बनेगी। इस दौरान प्रदेश स्तर पर वृहद सम्मेलन कराए जाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रदेश इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों की जायज मांगों को सही पटल पर गंभीरता से प्रस्तुत करना एवं अपने संगठन के द्वारा समाज को भी नई दिशा प्रदान करना है।
बता दें कि बैठक में पत्रकारों के उन्नयन और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण सुझावों पर गहन मंथन किया गया।पत्रकारों पर हो रहे हमलों और माफियाओं द्वारा झूठे प्रकरण दर्ज कराए जाने के मामलों पर चिंता जताई गई।इन मुद्दों को हल करने के लिए एक विशेष कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया। यह कमेटी संपूर्ण प्रदेश का दौरा करेगी और पत्रकार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार के साथ चर्चा करेगी। राज्य में स्वतंत्र और स्वच्छ पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए सुझाव और रणनीतियों पर सहमति बनी।प्रदेश स्तर पर
सदस्यता अभियान चलाने का सुझाव दिया गया।
इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना,प्रदेश महामंत्री संतोष भगवन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान, राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी,संरक्षक के बक्स सिंह, अजय कुमार,सुरेंद्र कुमार दुबे,संगठन मंत्री अजय श्रीवास्तव, हरीश सैनी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ.अतुल मोहन सिंह, बरेली के अध्यक्ष डॉ.पवन सक्सेना, प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना, मुकेश तिवारी, अशोक अग्निहोत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक कुमार जैन, प्रदेश उपाध्यक्ष हिमांशु सिंह, लखनऊ अध्यक्ष आशीष मौर्य, लखनऊ महामंत्री पद्माकर पांडेय, पीलीभीत अध्यक्ष निर्मल कांत शुक्ला, अनिल सिंह, शनि कुमार, नागेंद्र सिंह, प्रांतीय सचिव अरुण अवस्थी, पंकज मिश्रा, प्रयागराज अध्यक्ष कुंदन श्रीवास्तव, रंजीत निषाद, अजीत कुमार श्रीवास्तव, बनारस अध्यक्ष अनिल सिंह, राजीव कुमार सिंह, बाराबंकी महामंत्री, लखनऊ उपाध्यक्ष मीनाक्षी सिंह, किरण सिंह, रमाकांत मिश्रा, जुनैद अहमद, ए.आर. आज़मी, अमन दीक्षित, अरुण कुमार ‘टीटू’, लखनऊ मंत्री संगीता सिंह, लखनऊ उपाध्यक्ष मनीषा सिंह, दधिबल तिवारी,अयोध्या अध्यक्ष जय प्रकाश गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद तिवारी, सुल्तानपुर अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ.संतोष कुमार श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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