कश्मीर घाटी में गिरती लाश देख,कांप गया है कलेजा,दुश्मनों का फेल हुआ मिशन कश्मीर,आतंकी संगठनों से युवा बना रहे दूरी:धनंजय सिंह
कश्मीर घाटी में गिरती लाश देख,कांप गया है कलेजा,दुश्मनों का फेल हुआ मिशन कश्मीर,आतंकी संगठनों से युवा बना रहे दूरी:धनंजय सिंह

16 Nov 2024 |  58





लखनऊ।जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा बदलाव नजर आ रहा है।कश्मीर के युवा अब आतंकी गतिविधियों से दूर हो रहे हैं,जो युवा पहले आतंक का रास्ता चुनते थे अब वो रोजगार में व्यस्त हैं।पत्थरबाज भी अब नहीं बचे हैं।इस बदलाव से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब कश्मीरी युवाओं को पाकिस्तानी आतंकी बरगलाने में नाकाम हो रहे हैं।

इस साल अब तक सिर्फ दो कश्मीरी युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर है।पिछले साल जहां यह संख्या तीन अंकों में होती थी अब यह सिंगल डिजिट में सिमट गई है।पिछले साल भी यह आंकड़ा कम था‌ 2022 में 121, 2021 में 149 और 2020 में 191 युवा आतंकी संगठनों में भर्ती हुए थे।लगातार गिरते भर्ती ग्राफ से यह साफ है कि केंद्र सरकार की नीतियों से अब आम कश्मीरी सहमत हो रहे हैं।

कश्मीर में स्थानीय आतंकियों से अधिक पाकिस्तानी आतंकी हैं।एक अनुमान के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 250 से 300 आतंकी मौजूद हैं,जिसमें पाकिस्तानी और स्थानीय दोनों शामिल हैं,लेकिन अब स्थानीय आतंकियों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है‌।LOC से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है और सेना का ऑपरेशन ऑल आउट तेज हो गया है। घाटी में आतंकी सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं,लेकिन सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है।बर्फबारी से पहले कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सेना का बड़ा ऑपरेशन जारी है।पिछले एक हफ्ते से लगातार ऑपरेशन चल रहा हैं।सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 61 आतंकियों को मार गिराया गया है।इसमें 21 पाकिस्तानी हैं।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की आतंक चाल को सुरक्षाबल और स्थानीय लोग मिल कर जमींदोज़ करने में जुटे है। पहले तो घाटी में एनकाउंटर के समय लोकल ऑपरेशन को बाधित करने के लिए भीड़ इकट्टठा होकर पत्थर बाजी करती थी,लेकिन अब इस तरह की घटना न के बराबर हो गई है।अब कह सकते है कश्मीर में बदलाव की बयार बह रही है और इसी बहाव में पाकिस्तान के मनसूबे भी बह रहे हैं।

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