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बहू हो तो ऐसी,सास को पीठ पर लादकर संगम में स्नान कराने पहुंची, देखें महाकुंभ की सबसे शानदार तस्वीर
बहू हो तो ऐसी,सास को पीठ पर लादकर संगम में स्नान कराने पहुंची, देखें महाकुंभ की सबसे शानदार तस्वीर

29 Jan 2025 |  72





प्रयागराज।त्रिवेणी के संगम पर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ चल रहा है।महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।श्रध्दालुओं का खाली हाथ और पैदल चलना भी मुश्किल है।इस बीच महाकुंभ से एक तस्वीर सामने आई।तस्वीर दिल को सुकून देने वाली हैं।तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल है।

तस्वीर में एक महिला अपनी बुजुर्ग सास को पीठ पर लादकर भीड़ के साथ संगम की ओर बढ़ती चली जा रही है। लगभग पांच किलोमीटर से बिना रूके और बिना थके महाकुंभ पहुंची इस महिला के चेहरे पर कोई शिकन तक नहीं है।महिला के चेहरे की मुस्कराहट बता रही है कि वह अपनी सास को संगम में स्नान कराकर बहुत बड़ा पुण्य अर्जित करने वाली है।सोशल मीडिया पर लोग इस बहू की खूब सराहना करते नजर आ रहे हैं।

इस महिला के मुताबिक उसकी सास ने महाकुंभ में स्नान की इच्छा जताई थी,लेकिन इतनी भीड़ होने की खबरों से हिम्मत नहीं पड़ रही थी। इसके बावजूद उसने ठान लिया कि वह हर हाल में अपनी सास की इच्छा को पूरी करेगी।

महिला अपने घर से प्रयागराज आ तो गई,लेकिन यहां पता चला कि कम से कम 8 किलोमीटर पैदल चलना है।यह जानकर भी महिला ने हिम्मत नहीं हारी और सास को पीठ पर लादकर महाकुंभ पहुंच गईं।सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस तस्वीर को महाकुंभ की सबसे खूबसूरत तस्वीर का टैग दिया जा रहा है।इस तस्वीर को लोग सास बहू के बीच शानदार केमेस्ट्री भी बता रहे हैं।

लोग तर्क दे रहे हैं कि आज की महिलाएं अपने सास ससुर को गांव में अकेला छोड़ दे रही हैं।ऐसे में इस बहू ने इस तरह की महिलाओं को भारतीय संस्कृति और संस्कार सिखाने की कोशिश की है।बड़ी बात यह कि महिला साड़ी पहनी है,लेकिन पीठ पर सास लदी है।महिला ने पूरा ख्याल रखा है कि साड़ी का पल्लू सिर से न उतरने पाए।इतनी भीड़ में भी बहू इस तरह से अपनी सास को पकड़े है, जैसे कोई मां अपने बच्चे को पकड़े रखती है।

बता दें कि इसी तरह की तस्वीर चार दिन पहले भी देखने को मिली थी।तस्वीर में वृद्ध और कमजोर हो चुकी मां को पीठ पर लादकर एक श्रवण कुमार महाकुंभ में पहुंचे थे।अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील में कुशवैरा गांव में रहने वाले किसान महेश तिवारी ने मकर संक्रांति पर अपनी मां को महाकुंभ में स्नान कराने का प्रयास किया था।उस समय भीड़ से वो सफल नहीं हुए तो प्रयागराज स्टेशन तक तो ट्रेन से आ गए। यहां से वह अपनी मां को पीठ पर लादकर पैदल ही संगम के लिए निकल पड़े थे।

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