निकल गई रविन्द्र की टशन,शुरू से अंत तक नहीं छिपाया चेहरा,अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वालों का जानें कैसे हुआ काम तमाम
निकल गई रविन्द्र की टशन,शुरू से अंत तक नहीं छिपाया चेहरा,अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वालों का जानें कैसे हुआ काम तमाम

18 Sep 2025 |   33



 

गाजियाबाद।अभिनेत्री दिशा पाटनी के बरेली में घर पर फायरिंग करने वाले पांच शूटरों में से रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण का काम तमाम हो चुका है,जबकि दो अन्य की तलाश जारी है।शूटर रविन्द्र उर्फ़ कल्लू की पूरी कहानी सामने आ चुकी है।रविन्द्र अपने गैंग में हेकड़ी,दिलेरी और टशन के लिए मशहूर था।यही टशन उसकी मौत का कारण भी बना,जब दिशा पाटनी के घर फायरिंग के लिए रविन्द्र पहुंचा तो दूसरे शूटरों ने जहां अपने चेहरे ढके,वहीं रविन्द्र बिना किसी डर से चेहरा खुला ही छोड़ दिया,यही गलती उसके लिए भारी पड़ गई।एनकाउंटर के बाद जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि रविन्द्र जिस-जिस जगह गया,वहां उसने कभी भी ऑनलाइन पेमेंट या यूपीआई का इस्तेमाल नहीं किया। रविन्द्र ने हमेशा नकद ही दिया। रविन्द्र को शक था कि डिजिटल पेमेंट से पुलिस ट्रैक कर लेगी,लेकिन रविन्द्र का खुला हुआ चेहरा ही पुलिस के लिए सबसे बड़ा सुराग बन गया।

बाइक से लेकर फायरिंग तक,हर जगह कैमरे में कैद

बरेली से लेकर गाजियाबाद तक शूटरों की हर गतिविधि सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई,जिस बाइक पर शूटर बरेली में घूमते नजर आए वही बाइक गाजियाबाद जाते समय भी उनके पास थी।पुलिस ने उस अपाचे बाइक को बरामद कर लिया है, जिससे दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की गई थी।कैमरे में साफ दिखा कि बाइक चला रहे बदमाश ने हेलमेट पहना था, लेकिन पीछे बैठे रविन्द्र का चेहरा खुला था।पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यही सीसीटीवी फुटेज एनकाउंटर तक पहुंचने की सबसे अहम कड़ी साबित हुआ।

बड़ा खुलासा,गोल्डी बराड़ गैंग की साजिश

जांच में सामने आया है कि पूरी साजिश विदेश में बैठे कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने रची थी।उन्होंने अपने हैंडलर के जरिए पांच शूटरों को बरेली भेजा। 11 सितंबर को ये पांचों शूटर बरेली पहुंचे और पंजाब होटल में ठहरे,लेकिन उसी दिन एक शूटर की तबीयत बिगड़ गई और वह वापस लौट गया,इसके बाद चार शूटरों ने मिशन को अंजाम देने की तैयारी की,उसी दिन ब्लैक रंग की स्प्लेंडर बाइक और सफेद रंग की अपाचे बाइक पर बैठकर वे दिशा पाटनी के घर पहुंचे और रेकी की।स्प्लेंडर पर नकुल और विजय नाम के शूटर थे और अपाचे बाइक पर अरुण और रविन्द्र थे।

12 सितंबर फायरिंग का दिन

अगले दिन 12 सितंबर को चारों शूटर फिर से दिशा पाटनी के घर पहुंचे,इस बार फायरिंग की जिम्मेदारी रविन्द्र ने संभाली। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि रविन्द्र ने सीधे घर की तरफ निशाना साधकर फायर करता है।फायरिंग की घटना से इलाके में दहशत फैल गई।तभी से पुलिस ने शूटरों को पकड़ने के लिए 2000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और हर लोकेशन पर उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया।

गाजियाबाद में एनकाउंटर,दो ढेर,दो फरार

लगातार ट्रैकिंग के बाद एसटीएफ ने गाजियाबाद में एनकाउंटर किया।रविन्द्र उर्फ कल्लू और अरुण इस मुठभेड़ में ढेर हो गए,जबकि नकुल और विजय अभी भी फरार हैं।पुलिस दोनों की तलाश में जुटी है।एसटीएफ के मुताबिक इन शूटरों को सिर्फ फायरिंग नहीं करनी थी,बल्कि पूरे इलाके में डर और दहशत का माहौल बनाना था।

रविन्द्र की गलती से खुला राज

पूरे केस में सबसे अहम भूमिका रविन्द्र के टशन ने निभाई। रविन्द्र ने चेहरा नहीं ढका, सीसीटीवी में बार-बार कैद हुआ। रविन्द्र ने कैश पेमेंट का सहारा लिया,जिससे उसका पैटर्न सामने आया।बाइक और रविन्द्र के मूवमेंट को ट्रैक करना आसान हो गया। यूपी एसटीएफ का मानना है कि रविन्द्र की यही लापरवाही पूरे नेटवर्क को पकड़ने का रास्ता बनी।

जगदीश पाटनी ने योगी सरकार को दिया धन्यवाद

घटना के बाद दिशा पाटनी के पिता जगदीश पाटनी ने देर रात एक वीडियो जारी किया। जगदीश पाटनी ने कहा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने और अपने परिवार की ओर से धन्यवाद देता हूं,जैसा उन्होंने भरोसा दिलाया था,वैसा ही हुआ। इतने कम समय में अपराधियों को ढूंढकर इतनी कठोर कार्रवाई की गई।मैंने मुख्यमंत्री जी से फोन पर बात करके उनका आभार जताया, उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस भयमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार कर रही है।

एनकाउंटर के बाद बरामद हथियार

एनकाउंटर के बाद एसटीएफ ने शूटरों के पास से खतरनाक हथियार बरामद किए,इनमें तुर्की मेड जिगाना पिस्टल और ऑस्ट्रिया मेड ग्लॉक पिस्टल शामिल हैं।यही हथियार पूरी जांच को एक बड़े नेटवर्क से जोड़ते हैं।

जानें क्यों कुख्यात है जिगाना पिस्टल

जिगाना पिस्टल बीते कुछ सालों में जरायम की दुनिया में सबसे चर्चित हथियार बन चुकी है।जिगाना पिस्टल से ही कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसके माफिया भाई अशरफ की हत्या की गई थी।पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या भी जिगाना पिस्टल से हुई थी।गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के शूटर आमतौर पर जिगाना पिस्टल का ही इस्तेमाल करते हैं।जिगाना पिस्टल की खासियत यह है कि यह 9 एमएम की हाई-कैपेसिटी गन है,इसमें 15 से 17 राउंड तक गोलियां भरी जा सकती हैं और हल्की होने से आसानी से छुपाई जा सकती है।

हथियारों का स्मगलिंग रूट

जांच एजेंसियों ने हाल ही में नेपाल से देश के सबसे बड़े आर्म्स सप्लायर सलीम पिस्टल को गिरफ्तार किया।पूछताछ में सलीम ने खुलासा किया कि भारत में गैंगस्टरों को सबसे पहले जिगाना पिस्टल उसी ने सप्लाई की थी,इसके बाद से ही जिगाना पिस्टल की मांग बढ़ गई।जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से ड्रोन से पंजाब बॉर्डर पर गिराई जाती हैं।वहीं नेपाल एयर कार्गो के जरिए भी बड़ी संख्या में जिगाना पिस्टल की तस्करी होती है।

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