ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी ब्लॉक के रहमान खेड़ा में एक महीने से बाघ की दहशत बनी हुई है।बाघ नीलगाय समेत कई पशुओं का शिकार कर चुका है।वन विभाग की टीम एक महीने से बाघ को पकड़ने के लिए कोशिश कर रही है,लेकिन अभी तक नाकाम है।अब वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए दो हथिनी का सहारा लेगी।इससे पहले वन विभाग ने बाघ पकड़ने के लिए लखीमपुर खीरी,कानपुर और लखनऊ जू से विशेषज्ञों की टीम बुलाई थी,लेकिन सफलता नहीं मिली। 15 जगह कैमरे और दो मचान भी बनाए गए हैं।कई जगह पिंजरे भी सेट किए गए हैं,जिसमें बाघ के शिकार के लिए भैंस के बच्चे को रखा गया है।बाघ से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
रहमान खेड़ा में एक महीने से वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है,लेकिन पकड़ नहीं पाई है। बाघ ने अब तक 6 से अधिक जानवरों-पशुओं का शिकार कर चुका है।वन विभाग की टीम को बाघ दिखा तो,लेकिन पकड़ने की हिम्मत नहीं हुई।वन विभाग की टीम के सामने एक घंटे से अधिक समय तक बाघ रहा।वन विभाग की टीम देखती रही,लेकिन बाघ को ट्रैकुलाइजर गन से बेहोश नहीं कर पाई. बाघ को ट्रैकुलाइजर करने वाली 3 सदस्यीय टीम खाली हाथ रह गई।थोड़ी देर के बाद बाघ जंगल की तरफ चला गया।
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अब दुधवा रिजर्व टाइगर से दो हथिनी मंगवाई गई हैं।बाघ को पकड़ने के लिए कई बार हिस्सा ले चुकी हथिनी सुलोचना और डायना लखनऊ पहुंच गई हैं।दोनों बाघ को घेरने में एक्स्पर्ट मानी जाती है,जिससे बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सकता है।हथिनी के जरिए बाघ तक पहुंचने में वन विभाग की टीम कामयाब हो सकती है।हथिनी सुलोचना के साथ उसके महावत मोहम्मद अयूब खान,चारा कटर इस्तियाक आए हैं और डायना के साथ महावत महताब और चारा कटर राहुल आए हैं।इससे पहले 2018 में जब मलिहाबाद में बाघ की दहशत थी तब भी हथिनी की मदद से ही बाघ को पकड़ा गया था।
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