कन्नौज में खुद को जिंदा घोषित करने के लिए डीएम के पास पहुंचा बुजुर्ग किसान, 8 साल से लगा रहा अधिकारियों का चक्कर
कन्नौज में खुद को जिंदा घोषित करने के लिए डीएम के पास पहुंचा बुजुर्ग किसान, 8 साल से लगा रहा अधिकारियों का चक्कर

01 Jan 2025 |  40




कन्नौज।तीन साल पहले आई बालीवुड फिल्म कागज सिस्टम से परेशान एक ऐसे जिंदा आदमी की कहानी है,जिसे सरकारी कागजों में मृत बता दिया गया।फिल्मी पटकथा की तरह एक बुजुर्ग किसान के साथ भी ऐसा हो रहा है।सरकारी कागजों में बुजुर्ग किसान आठ साल से चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा है कि वह जिंदा है।बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है और समस्या जस की तस है।इसकी वजह से किसी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।

2016 से खुद को जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं हरनाथ

मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर तिर्वा तहसील के गांव वाहिदपुर मौजा सौसरी निवासी 60 वर्षीय हरनाथ पाल को सरकारी कागजात में मृत दर्शा दिया गया है।हरनाथ सरकारी दफ्तर में किसी काम के लिए जाते हैं तो मृतक बता फाइल बंद कर दी जाती है। हरनाथ 2016-17 से अपने को जीवित सावित करने के लिए जिले से लेकर तहसील स्तर पर अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं।

बाबुओं ने सिर्फ अश्वासन दिया

कई बाबुओं ने तो बुजुर्ग हरिनाथ पाल को यह भी अश्वासन दे दिया कि तुम उस ऑफिस जाओ आप को जीवित कर दिया गया है। इसके बाद हरिनाथ किसान सम्मान निधि का आवेदन लेकर पहुंचे तो वहां भी उन्हें मृतक घोषित कर सम्मान निधि से वंचित कर दिया गया।आवेदन को निरस्त कर दिया गया, जिससे हरिनाथ खुद को जीवित साबित करने का प्रयास कर रहे हैं।

डीएम के पास पहुंचे हरिनाथ

कलेक्ट्रेट पहुंचे बुजुर्ग हरनाथ पाल ने इस संबंध में जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला को शिकायती पत्र देकर खुद को जीवित घोषित किये जाने की मांग की है।शिकायती पत्र में हरिनाथ ने कहा कि 2016-17 में उसे सरकारी कागजात में मृत दिखा दिया गया। जबकि वह जिंदा हैं।किसान सम्मान निधि पाने के लिये आवेदन किया था। सभी किसानों के रुपये आये पर उसके रुपया नहीं आया। इस पर वह संबंधित कार्यालय कृषि भवन पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि आवेदन में आप मृत हो। पहले इसे सही कराओ। इस पर वह तहसील पहुंचे जहां बोला गया कि आपके कागजात को सही कर दिया गया है। इस के बाद वह फिर संबंधित कार्यालय गए लेकिन लाभ नहीं मिला।

बुजुर्ग किसान को नहीं मिल रहा कोई सरकारी लाभ

बुजुर्ग किसान हरिनाथ पाल ने कहा कि उसे आज तक कोई सरकारी लाभ नहीं दिया गया है। शायद इस के पीछे यही वजह रही कि उसे मृत घोषित कर दिया गया है। बुजुर्ग हरिनाथ ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इसमें जो भी दोषी हों उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये,जिससे उसे सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

बुजुर्ग किसान हरनाथ पाल की कहानी हिंदी फिल्म चला मुसद्दी दफ़्तर दफ़्तर से मिलती जुलती है।अब देखने बाली बात यह होगी कि डीएम कन्नौज शुभ्रांत शुक्ला हरिनाथ पाल को कब तक पुनः जिंदा करवा पाएंगे या कागजों में मृत हरनाथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहेगा।

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