इटावा।लंबे अरसे तक चंबल घाटी कुख्यात डाकुओं के आतंक के लिए जानी जाती रही है,लेकिन अब चंबल घाटी की पहचान पर्यटन केंद्र के रूप में भी होती हुई दिखाई दे रही है।चंबल घाटी में एक नहीं लाखों की संख्या में मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ नजर आते है।उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और राजस्थान तीनों राज्यों में पसरी चंबल घाटी में मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ देखे जा सकते हैं।
चंबल घाटी में मिट्टी के बड़े-बड़े ऊंचे पहाड़ पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र बन गए हैं।चंबल घाटी घूमने के लिए आने वाले पर्यटक यहां के जलचरों को देखकर आनंदित होते है और मिट्टी के पहाड़ों को देखकर के उन्हें विशेष आनंद की अनुभूति मिलती है।सैकड़ों सालों से मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ अब पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।उत्तराखंड और कश्मीर में पत्थर के पहाड़ पर्यटकों को मंत्र मुग्ध करते हैं, तो चंबल घाटी में मिट्टी के पहाड़ भी पर्यटकों बड़ा सुकून देते हैं।
चंबल घाटी का नाम सुनते है शरीर में सिरहन का एहसास खुद बा खुद हो जाता है,क्योंकि अधिकतर लोग मानते हैं कि खौफ और दहशत का दूसरा नाम चंबल घाटी है, लेकिन ये सच नही है।चंबल में नीला पानी और कल कल बहती बेहद खूबसूरत चंबल नदी तो है ही मिट्टी के ऐसे ऐसे पहाड़ हैं,जिनकी कोई दूसरी बानगी शायद ही देश भर मे कहीं और देखने को मिले। सैकड़ों की संख्या में दुर्लभ जलचरों का आशियाना चंबल नदी मानी जाती है।पीले फूलों के लिए ख्याति प्राप्त रही यह वादी उत्तराखंड की पर्वतीय वादियों से कहीं कमतर नहीं है।अंतर सिर्फ इतना है कि वहां पत्थरों के पहाड़ हैं और यहां मिट्टी के पहाड़ हैं।प्रकृति की इस अद्भुत घाटी को विश्व भर में लोग सिर्फ और सिर्फ डकैतों की वजह से ही जानते हैं।
चंबल घाटी में दिखने वाले ये ऊंचे पहाड़ अपने आप में अद्भुत हैं।जब कुख्यात डाकुओं का आतंक हुआ करता था तब बेशक इन ऊंचे पहाड़ों को देखने के लिए पर्यटक नहीं आया करते थे,लेकिन अब बड़ी संख्या में पर्यटक इन ऊंचे पहाड़ों को देखने के लिए आते हैं।कुख्यात डाकुओं के आतंक से इस इलाके में लॉ एंड ऑर्डर अच्छा नहीं था,लेकिन अब सब कुछ बेहतर हो चुका है।डाकुओं के आतंक के खात्मे के बाद अब इन ऊंचे पहाड़ों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक दूर-दराज से चंबल घाटी पहुंच रहे हैं।चंबल घाटी अमेरिका के ग्रांड कैनीयन से कम नही है,लेकिन चंबल का मिजाज बदल रहा है।अगर समय रहते चंबल के लिए कुछ नहीं किया गया तो देश के बेहतरीन पर्यटन केंद्र को पर्यटक खो देंगे।
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