हरियाणा-यूपी का 5 दशक पुराना सीमा विवाद खत्म,सीमा बांटने के लिए लगाए 100 खंभे
हरियाणा-यूपी का 5 दशक पुराना सीमा विवाद खत्म,सीमा बांटने के लिए लगाए 100 खंभे

22 Dec 2025 |   65



 

फरीदाबाद।फरीदाबाद में यमुना नदी के साथ लगते हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में लगभग पांच दशक से चला आ रहा सीमा विवाद अब स्थायी समाधान की ओर बढ़ रहा है।इसके लिए हरियाणा और यूपी की सीमा को स्पष्ट करने के लिए यमुना किनारे मजबूत सीमा पिलर लगाने का काम शुरू हो गया है। अब तक 100 पिलर लगाए जा चुके हैं।वहीं फरीदाबाद सीमा में 40 और पिलर लगाए जाएंगे।यह पिलर गांव बसंतपुर से लेकर मंझावली तक लगाए जा रहे हैं।

बता दें कि यमुना नदी हरियाणा और यूपी के बीच प्राकृतिक सीमा का काम करती है,मगर बारिश के मौसम में यमुना हरियाणा और यूपी के लिए विवाद का कारण बन जाती है। बारिश के महीने में यमुना का जलस्तर बढ़ने से उसकी धारा बदल जाती है।धारा बदलने से कभी हरियाणा की जमीन यूपी की ओर चली जाती है तो कभी यूपी की जमीन हरियाणा की तरफ चली जाती है।इसी जमीन पर खेती और कब्जे को लेकर हर साल हरियाणा और यूपी के किसानों के बीच टकराव की हालात बनते रहे हैं।हर साल दोनों राज्यों के राजस्व विभाग जमीन की पैमाइश कराते हैं,लेकिन यह समाधान केवल अस्थायी साबित होता है।कुछ समय बाद विवाद फिर खड़ा हो जाता है।यह समस्या सिर्फ फरीदाबाद जिले तक सीमित नहीं है,बल्कि यमुना से सटे पूरे हरियाणा क्षेत्र में लंबे समय से बनी हुई है।

लोक निर्माण विभाग अधिकारियों के मुताबिक 1970 के दशक में आए दीक्षित अवॉर्ड के आधार पर यमुना किनारे हरियाणा और यूपी की सीमा तय की गई थी।उस समय सीमा चिन्हित करने के लिए पिलर भी लगाए गए थे,लेकिन यमुना के तेज बहाव और कटाव से पिलर समय के साथ बह गए। मौजूदा समय में कुछ ही स्थानों पर पुराने पिलर बचे हुए हैं,जो सीमा निर्धारण के लिए पर्याप्त नहीं हैं।इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए सर्वे ऑफ इंडिया से इंटर स्टेट बॉर्डर का विस्तृत सर्वे कराया गया।सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अब यमुना के साथ-साथ दोनों राज्यों की सीमा पर नए पिलर खड़े किए जा रहे हैं।हरियाणा सरकार ने पहले करनाल में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया था। वहां सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद अब फरीदाबाद समेत अन्य सीमावर्ती जिलों में भी इस योजना को अमल में लाया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक फरीदाबाद जिले में यमुना नदी की लंबाई करीब 25 किलोमीटर है। इस पूरे हिस्से में हरियाणा और यूपी के लगभग 52 गांव बसे हुए हैं।सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की गई निशानदेही के अनुसार ही पिलर लगाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में किसी तरह का भ्रम या विवाद न रहे।

अधिकारियों के मुताबिक इन पिलरों को खास डिजाइन के तहत तैयार किया जा रहा है।प्रत्येक पिलर की ऊंचाई करीब 70 फीट रखी गई है। इनमें से लगभग 50 फीट हिस्सा जमीन के अंदर रहेगा,जबकि 20 फीट हिस्सा जमीन के ऊपर दिखाई देगा। इससे बाढ़ और कटाव के बावजूद पिलर सुरक्षित रह सकेंगे।पिलर स्थापित होने के बाद सीमा पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। इससे किसानों के बीच जमीन और फसलों को लेकर होने वाले विवाद खत्म होंगे और दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चला आ रहा टकराव भी समाप्त होगा। साथ ही सीमावर्ती इलाकों में शांति और प्रशासनिक स्पष्टता कायम हो सकेगी।

पिलर निर्माण का कार्य इवन-ऑड सिस्टम के आधार पर किया जा रहा है।यानी एक पिलर हरियाणा की ओर से बनाया जा रहा है,तो अगला पिलर यूपी की ओर से तैयार होगा। हरियाणा की तरफ से करीब 150 पिलर बनाए जाएंगे और उतने ही पिलर उत्तर प्रदेश की ओर से लगाए जाएंगे।-प्रकाश लाल कार्यकारी अभियंता पीडब्ल्यूडी फरीदाबाद

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