नई दिल्ली।जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन चुनाव में लेफ्ट संगठनों ने अपना परचम लहरा दिया है। प्रेसिडेंट,वाइस प्रेसिडेंट,जनरल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी चारों पर पदों पर लेफ्ट काबिज हो गया है।जेएनयू में वोटिंग 4 नवंबर को हुई थी।खास बात ये है कि जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन चुनाव में प्रेसिडेंट AISA की अदिति मिश्रा बनी हैं।अदिति ने एबीवीपी के विकास पटेल को 414 वोटों से हरा दिया। अदिति ने कुल 1,861 वोट हासिल किए जबकि विकास पटेल 1,447 मत ही पा सके।गंगा किनारे की अदिति मिश्रा ने यमुना के किनारे बसे दिल्ली शहर में आकर स्टूडेंट पॉलिटिक्स में अपना बड़ा नाम कैसे बनाया।गंगा किनारे वाली अदिति मिश्रा के संघर्ष की कहानी पढ़ें।
जब बीएचयू में अदिति ने खोला मोर्चा
देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी से ताल्लुक रखने वाली अदिति मिश्रा ने स्कूलिंग उत्तर प्रदेश से ही की।अदिति जब ग्रेजुएशन कर रही थीं,उन दिनों सितंबर 2017 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने कर्फ्यू टाइमिंग का विरोध किया था।अदिति ने इस अलोकतांत्रिक और पितृसत्तात्मक व्यवस्था के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाई थी। इसके बाद साल 2018 में जब अदिति ने पुडुचेरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया तब वहां उन्होंने विश्वविद्यालय के कथित भगवाकरण का विरोध किया।तब वाइस चांसलर के दफ्तर का घेराव किया था।
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ बुलंद की आवाज
इसके बाद 2019 में प्रशासन ने पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के सभी कोर्स की ट्यूशन फीस में भारी बढ़ोतरी की,जिसके खिलाफ स्टूडेंट्स ने एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक की तालाबंदी कर दी थी। अदिति मिश्रा ने मनमानी फीस बढ़ाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसके साथ ही एंटी सीएए विरोध प्रदर्शनों के साथ भी एकजुटता दिखाई थी। फीस बढ़ोतरी विरोधी प्रदर्शन में अदिति की आवाज हाशिए पर पड़े स्टूडेंट्स के अधिकार छीनने के खिलाफ जोरदार तरीके से गूंजी थी।
प्रेसिडेंट पद तक कैसे पहुंचीं अदिति
अदिति मिश्रा जब पीएचडी के दूसरे साल में पहुंचीं तब उन्हें जेएनयू की स्टूडेंट बॉडी में इंटरनल कमिटी का प्रतिनिधि चुना गया। तब अदिति ने कमिटी को जेएनयू के स्टूडेंट्स के लिए जवाबदेह बनाया। इसी तरह अदिति स्टूडेंट्स के बीच में लोकप्रिय होती गईं। अदिति ने इस साल के जेएनयूएसयू चुनाव में लेफ्ट यूनिटी पैनल से AISA एक्टिविस्ट के रूप में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह अपनी राजनीति को जेंडर जस्टिस के लिए प्रतिबद्ध बताती हैं।