
नई दिल्ली।उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर को उड़ाने की साजिश मामले में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है।हरियाणा के फरीदाबाद में बांस रोड पाली से गिरफ्तार किया गया 19 वर्षीय आतंकी अबुदल रहमान ने बड़ा खुलासा किया है।चर्चा है कि राम मंदिर को 5 अप्रैल को उड़ाने की साजिश थी।इसके लिए 4 अप्रैल को 2 हैंड ग्रेनेड लेकर अब्दुल रहमान फरीदाबाद से अयोध्या जाने वाले था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसियों की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अब्दुल एक प्रतिबंधित ऐप के जरिए मोस्टवांटेड आतंकी अबू सूफियान के संपर्क में भी था।
इस मामले में यूपी एटीएस ने कार्रवाई तेज कर दी है।कई जिलों में छापेमारी किए जाने की खबर है।यूपी एटीएस आतंकी अब्दुल रहमान के नेटवर्क का पता कर रही है,उसे ध्वस्त करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। 2 मार्च को गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ की टीम ने अब्दुल रहमान को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था।इस दौरान राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का खुलासा हुआ।
पुलिस एजेंसियों की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि राम मंदिर पर आतंकी हमले की योजना बनाई जा रही थी।अब्दुल रहमान को दो हैंड ग्रेनेड उपलब्ध कराए गए थे।इन्हें लेकर अब्दुल रहमान को 4 अप्रैल को फरीदाबाद से अयोध्या के लिए रवाना होना था।संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान से पूछताछ के बाद एटीएस की कई टीमों ने लखनऊ,अयोध्या, आजमगढ़ समेत कई जिलों में छापेमारी भी की है। इस दौरान कुछ युवकों को भी हिरासत में लिए जाने की खबर है।
गिरफ्तार हुआ आतंकी अब्दुल रहमान ने बताया था कि वह 10 महीने पहले आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) मॉड्यूल से जुड़ा था। उसने राम मंदिर को बम से उड़ाने के लिए ट्रेनिंग ली थी।पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बताया था कि उसे ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए ट्रेनिंग दी गई,अब्दुल रहमान अयोध्या जिले के मंजनाई गांव का रहने वाला है।वह रिक्शा चलाता था।
पुलिस के मुताबिक घर से फरीदाबाद के लिए रवाना हुआ था। वहां अब्दुल रहमान नाम बदलकर रह रहा था। पुलिस को आशंका है कि इस साजिश में अब्दुल के अलावा कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।इसी के चलते पुलिस ने अब्दुल को कोर्ट में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया है।
एसटीएफ इंस्पेक्टर के बयान पर फरीदाबाद के डबुआ थाने में आतंकी के खिलाफ 25 (1)(ए) आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4 (ए), 4(बी), 5 के साथ ही विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 9बी(1)(बी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
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