
नई दिल्ली।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 27 साल के सियासी वनवास खत्म कर प्रचंड जीत हासिल की है।अब मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भाजपा के कई दिग्गज नेता हैं।भाजपा के कई वरिष्ठ नेता जो पहले विधायक रह चुके हैं अब खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे दिखाने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं।इन नेताओं का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी उपलब्धियों को पहुंचाना है ताकि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर सकें।
एक ओर भाजपा के दिग्गज नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा हैं। प्रवेश सिंह वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल को हराकर अपनी शक्ति का एहसास कराया। साहिब वर्मा खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे मानते हैं और कई बार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है, ताकि अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश कर सकें।प्रवेश वर्मा का मानना है कि नई दिल्ली सीट को लेकर उनकी जीत ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का मजबूत उम्मीदवार बना दिया है।इस जीत को प्रवेश वर्मा ने एक नई मिसाल के रूप में देखा है, ठीक वैसे जैसे 2013 में अरविंद केजरीवाल ने दिवंगत शीला दीक्षित को हराकर इतिहास रचा था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आरकेपुरम में दिल्ली चुनाव के दौरान प्रवेश वर्मा की पीठ थपथपाते हुए नजर आए थे।
सभी विधायक गिना रहे अपने-अपने काम
दूसरी तरफ भाजपा के 2 बार विधायक रहे विजेंद्र गुप्ता भी मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं। विजेंद्र गुप्ता सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देकर आप की मीडिया में आलोचना कर रहे हैं। विधानसभा में सबसे पहले सीएजी रिपोर्ट पेश करके आप को घेरकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक अपनी ताकत,अपनी पकड़ बताने में जुटे हैं।संभवतः विजेंद्र गुप्ता का मानना है कि इस तरीके से वे पार्टी के अंदर अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं और मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खुद को प्रमुख उम्मीदवार बना सकते हैं।
कई विधायकों ने की जेपी नड्डा से मुलाकात
इसके अलावा भाजपा के कई अन्य विधायक भी अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।उनका मकसद सिर्फ मुख्यमंत्री बनना है और मुख्यमंत्री न बन सके तो किसी मंत्रालय की जिम्मेदारी ही मिल जाए। कई विधायक तो सांसद भवन जाकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं,ताकि अपनी स्थिति को और भी मजबूत बना सकें।हालांकि मुख्यमंत्री और मंत्री के नाम का निर्णय विधायक दल की बैठक के बाद ही होगा और यह बैठक पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद होने की संभावना है।
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