अयोध्या।उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा में अब उपचुनाव का दंगल होगा।चुनाव आयोग उपचुनाव का कभी भी घोषणा कर सकता है। भारतीय जनता पार्टी उपचुनाव के दंगल के लिए तैयार बैठी है।मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव के दंगल के जरिए भाजपा यूपी के साथ ही देश को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में भाजपा की पकड़ कमजोर नहीं है।
जिलाध्यक्ष संजीव सिंह का कहना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए पार्टी तैयार बैठी है।बूथ स्तर तक कार्यकर्ता पिछले छह महीने से सक्रिय हैं।लोकसभा चुनाव में अयोध्या की जनता के बीच संविधान बदलने का भ्रम फैलाने का जो लाभ विपक्ष ने उठाया था, अब उसका पर्दाफाश हो चुका है। जनता सपा के बहकावे में नहीं जाने वाली है। मिल्कीपुर का हर वर्ग भाजपा की नीतियों के साथ आएगा।
संजीव सिंह का कहना है कि उपचुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही के साथ ही तीनों राज्यमंत्री क्षेत्र में साप्ताहिक बैठकें कर चुके हैं। चुनावी तैयारियों की बैठकें अब भी जारी हैं। चार महीने में भाजपा के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह तीन बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एक बार दौरा कर चुके हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या के चार दौरे कर चुके हैं।
बता दें कि मिल्कीपुर विधानसभा में उपचुनाव के दंगल का रास्ता साफ होने के साथ ही सियासी हलचलें शुरू होने जा रही हैं।मिल्कीपुर विधानसभा सीट की अहमियत इसलिए और बढ़ी हुई है क्योंकि इसी विधानसभा से समाजवादी पार्टी के सीटिंग विधायक अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लल्लू सिंह को हराकर पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थी।अयोध्या की हार के नगमें पूरे देश में विपक्ष गाता नजर आया था।उपचुनाव के दंगल में मिल्कीपुर से भाजपा के सामने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद ताल ठोंकते हुए नजर आएंगे।यहां चुनाव की बागडोर खुद सपा सांसद अवधेश प्रसाद संभाले हुए हैं।
बता दें कि मिल्कीपुर विधानसभा में लंबे समय तक कम्युनिष्ट नेता मित्रसेन यादव का प्रभाव रहा है।मिल्कीपुर से मित्रसेन कई बार विधायक बने थे।मिल्कीपुर से भाजपा अब तक सिर्फ दो बार जीत दर्ज कर पाई है। पहली बार 1911 में और दूसरी बार 2017 के प्रचंड लहर में। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सीटिंग विधायक बाबा गोरखनाथ को सपा के अवधेश प्रसाद ने लगभग 13 हजार वोटों से हराया था। 2012 में भी अवधेश प्रसाद चुनाव जीते थे।
बता दें कि मिल्कीपुर विधानसभा में सबसे अधिक लगभग एक लाख दलित वोटर हैं।इसके बाद यादव और ब्राम्हण वोटर लगभग 60-60 हजार हैं।ठाकुर और चौरसिया वोटर भी लगभग 25-30 हजार के बीच हैं।
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