भगवान राम और मां सीता की शादी,आएंगे 17 प्रांतों से बाराती
अयोध्या।भगवान राम और मां सीता हजारों करोड़ों लोगों के आराध्य देवी-देवता हैं।दोनों का जीवन आज की पीढ़ी के लिए भी एक मिसाल है।रामायण का हर किरदार भारत के लोगों के दिलों दिमाग में बसा हुआ है।इस समय रामनगरी अयोध्या भगवान राम के बारात की तैयारी में जुटी हुई है।कारसेवकपुरम से मंगलवार 26 नवंबर की सुबह नौ बजे भगवान राम की बारात निकलेगी। रामनगरी अयोध्या से लेकर नेपाल के जनकपुर तक विवाह की तैयारियां ऐसी की गई है कि त्रेता युग के राम बारात नजर आएगी।कारसेवकपुरम में रथ को सजाने के लिए 10 कारीगर जुटे हैं।
बता दें कि इस बार भगवान राम के बारात में 17 प्रांतों के बाराती शामिल होंगे।इसमें आंध्र प्रदेश,कर्नाटक,केरल, तमिलनाडु,मध्य प्रदेश,बिहार,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बाराती शामिल होंगे। भगवान राम और मां सीता का विवाह संपन्न कराने के लिए तिरुपति से 40 वैदिक ब्राह्मण भी आ रहे हैं।ये वैदिक ब्राह्मण सीधे जनकपुर पहुंचेंगे और विवाह संपन्न कराएंगे।
मां सीता का जन्म नेपाल के जनकपुर में हुआ था।भगवान राम और मां सीता के विवाह महोत्सव के लिए रामनगरी अयोध्या से मिठाई जनकपुर भेजी जाएगी। भगवान राम और मां सीता का विवाह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन हुआ था।इसे विवाह पंचमी कहते हैं। ऐसे में हर साल इस तिथि के दिन दोनों के विवाह की वर्षगांठ के रूप में उत्सव मनाया जाता है।इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी।जनकपुर वासियों के लिए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 1,11,111 लड्डू प्रसाद स्वरूप रामनगरी अयोध्या भेजा है।
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि माता सीता की जन्मस्थली में आयोजित विवाह उत्सव के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लड्डुओं को अयोध्या भेजा है। उन्होंने बताया कि इसी साल जनवरी में भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भी 5 लाख लड्डू प्रसादी उज्जैन से कंटेनर में भरकर अयोध्या भेजे गए थे।