300 सालों में पहली बार राम मंदिर में होगा तिलकोत्सव,मां सीता के यहां से उपहार लेकर आएंगे तिलकहरू
300 सालों में पहली बार राम मंदिर में होगा तिलकोत्सव,मां सीता के यहां से उपहार लेकर आएंगे तिलकहरू

16 Nov 2024 |  31



ब्यूरो सुनील कुमार पांडेय


अयोध्या।राम नगरी अयोध्या में बने राम मंदिर के साथ 18 नवंबर को एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।मां सीता के मायके नेपाल के जनकपुरधाम से पहली बार 500 से अधिक जनकपुरवासी तिलक चढ़ाने दामाद के यहां अयोध्या पहुंचेंगे। इसकी तैयारियां भी पूरी हो गईं हैं।

मिली जानकारी के अनुसार 16 नवंबर की सुबह 8 बजे जनकपुर धाम से लगभग 500 की संख्या में तिलकहरू अयोध्या के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।6 बस, 50 चार पहिया वाहन,एक ट्रक और एक रथ पर म्यूजिक सिस्टम लगाए और गेरुआ परिधान पहने ससुराल के लोग दामाद श्री राम का तिलक लेकर 17 नवंबर को भारत में प्रवेश करेंगे। 18 नवंबर की दोपहर 2 बजे राम मंदिर के प्रांगण में तिलकोत्सव का आयोजन होगा।नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह,जनकपुर के मेयर मनोज शाह और राम जानकी मंदिर के महंत राम रोशन दास दामाद श्री राम का तिलक चढ़ाएंगे।

6 दिसंबर को होगा राम-सीता विवाह

6 दिसंबर को सजधज कर श्री राम पालकी पर सवार होकर जनकपुर स्थित रंगभूमि मैदान पहुंचेंगे। ऐसी मान्यता है कि सीता का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था।यहां पहुंचने के पश्चात श्री राम की आरती उतारी जाएगी और ससुराल वाले अपने दामाद को फूलों की वर्षा कर स्वागत करेंगे।इसके पश्चात पालकी को नगर परिक्रमा कराकर राम जानकी मंदिर पहुंचाया जाएगा, जहां धूमधाम और रीति रिवाज के साथ राम और सीता का विवाह संपन्न होगा। नगर परिक्रमा के दौरान लाखों लोगों की भीड़ साथ चलेगी।

तिलक में सोने की चेन,चांदी की मटर माला

जनकपुरवासी बेटी सीता के तिलक में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं।इसके लिए तिलक सामग्री में बेटी के यहां से भार स्वरूप राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न के लिए सर्दी और गर्मी के कपड़े, पीतल और फूल के बर्तन, 11 प्रकार के सीजनल फल, मेवा और नेपाल की प्रमुख मिठाइयां चढ़ाएंगे।दामाद श्री राम के लिए सोने की चेन, चांदी की मटर माला, चांदी की सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएंगे। दामाद को उपहार में नेपाल की कुछ करेंसी भी तिलक में चढ़ाई जाएगी। 19 नवंबर को सुबह नाश्ता के पश्चात तिलकहरू जनकपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।

26 को निकलेगी श्री राम की बारात

26 नवंबर को रामनगरी अयोध्या से पहली बार 500 से अधिक की संख्या में बराती श्री राम के ससुराल के लिए प्रस्थान करेंगे।अयोध्या,आजमगढ़,बिहार के बक्सर,पटना, मुजफ्फरपुर के कांटी, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए 2 दिसंबर को मटियानी नेपाल के बॉर्डर में प्रवेश करेंगे।यहां से 3 दिसंबर को जनकपुरधाम बरात पहुंचेगी। 4, 5, 6 और 7 तक नेपाल में रहने के पश्चात बराती 8 दिसंबर की सुबह जनकपुरधाम से रामनगरी अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।

तिलक का प्रस्तावित मार्ग

हुलाकी मार्ग जो की नेपाल के जनकपुरधाम से जलेश्वर, मलंगवा, धनकौला, गढ़ी माई में रात्रि विश्राम, 17 की सुबह नाश्ता के बाद बीरगंज, रक्सौल बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगे। फिर सुगौली, हरेराज, गोपालगंज में दोपहर का भोजन कर गोरखपुर होते हुए देर रात रामनगरी अयोध्या पहुंचेंगे।

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