सलोन में चल रहा था बांग्लादेशी घुसपैठियों को नागरिक बनाने का षड्यंत्र,कर्नाटक,केरल और मुंबई से जुड़े तार
सलोन में चल रहा था बांग्लादेशी घुसपैठियों को नागरिक बनाने का षड्यंत्र,कर्नाटक,केरल और मुंबई से जुड़े तार

25 Jul 2024 |  64




रायबरेली।उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के सलोन में बनाए गए लगभग 20 हजार फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की कड़ी बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़ रही हैं।अभी तक हुई जांच में यह बात सामने आ रही है कि यहां से घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता दिलाने का षडयंत्र चल रहा था।इसके बदले जन सेवा केंद्र (सीएससी) संचालक जीशान खान,सुहेल और रियाज मोटा माल कमा रहे थे।चंद दिनों में तीनों ने अच्छी कमाई कर ली।पुलिस के मुताबिक जीशान ने रायबरेली और लखनऊ में अच्छी प्रॉपर्टी बना ली है।

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र में सलोन के तार कर्नाटक,केरल और मुंबई से भी जुड़ चुके हैं।इसी महीने कर्नाटक पुलिस ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक संदिग्ध को दबोचा था। उसका जन्म प्रमाणपत्र भी सलोन से बना था।जांच के लिए टीम रायबरेली पहुंची तो धीरे-धीरे पूरा मामला खुलने लगा।

सर्वाधिक अल्पसंख्यकों के बनाए गए हैं प्रमाणपत्र

सूत्रों के मुताबिक सलोन से सबसे अधिक अल्पसंख्यकों के ही फर्जी प्रमाणपत्र बनाए गए हैं।इनमें 2023 में मुंबई में पकड़े गए चार बांग्लादेशियों के नाम भी शामिल हैं। इससे पहले जम्मू में भी पकड़े गए कुछ रोहिंग्या के पास सलोन से बने जन्म प्रमाणपत्र मिले थे।

वीडीओ सहित चार गिरफ्तार

जांच में पता चला कि ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड का प्रयोग कर सलोन के सीएससी संचालक मोहम्मद जीशान,रियाज और सुहेल खान ने फर्जी प्रमाणपत्र बनाए। इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया।

जांच के दायरे में बाराबंकी

सूत्रों के मुताबिक फर्जी प्रमाणपत्र मामले में बाराबंकी भी जांच के दायरे में आ सकता है।यहां पीएफआई सक्रिय रह चुका है। 2022 में कुर्सी थाना क्षेत्र के गौराहार से पीएफआई के कोषाध्यक्ष नदीम और सदस्य कमरुद्दीन की गिरफ्तारी हुई थी। 2023 में गौराहार से ही एनआईए ने पीएफआई के एक सक्रिय सदस्य को पकड़ा था। इस मामले का जाल नेपाल के सीमावर्ती जिलों में भी बताया जा रहा है। ऐसे में जांच का दायरा अवध के गोंडा,बलरामपुर,श्रावस्ती और बहराइच तक भी बढ़ सकता है।

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