विदेशी महिला वाला वायरल वीडियो जांच में फेल,पूर्व भाजपा सांसद उपेंद्र रावत बोले-सच आया सामने
विदेशी महिला वाला वायरल वीडियो जांच में फेल,पूर्व भाजपा सांसद उपेंद्र रावत बोले-सच आया सामने

22 Jul 2024 |  70




बाराबंकी।उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद उपेंद्र सिंह रावत का तथाकथित अश्लील वीडियो मार्च 2024 में भाजपा के टिकट देने का बाद तथाकथित अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था।इस अश्लील वीडियो को लेकर पूर्व सासंद ने एफआईआर दर्ज करवाई थी।वीडियो की जांच में पूर्व सांसद को बड़ी राहत मिली है।विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने वीडियो में एआई तकनीक के इस्तेमाल होने की आशंका जताई है।लैब रिपोर्ट में बताया गया कि वीडियो में एआई तकनीकी का प्रयोग किया जा सकता है।

जांच के लिए वायरल वीडियो को विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर लखनऊ भेजा गया था,जिसकी रिपोर्ट अब आ गई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसद का यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपयोग से तैयार किया जा सकता है।यह स्पष्ट नहीं है कि यह वीडियो असली है।इसमें एआई तकनीक के प्रयोग से इनकार नहीं किया जा सकता।जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वायरल वीडियो की सच्चाई की जानकारी ओरिजिनल वीडियो या ओरिजिनल क्लिप मिले बिना संभव नहीं है।इस मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि मूल क्लिप पाने की हर संभव कोशिश की जा रही है पर अभी तक मूल क्लिप का पता नहीं चल सका है।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बाराबंकी से भारतीय जनता पार्टी से उपेन्द्र सिंह रावत चुनाव जीते थे।उपेंद्र सिंह रावत इस बार भी बाराबंकी से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए थे,लेकिन भाजपा द्वारा इसकी घोषणा के अगले ही दिन कुछ अश्लील वीडियो वायरल हो गए,जिसमें विदेशी युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे शख्स को कथित तौर पर उपेंद्र सिंह रावत बताया जाने लगा।बरहाल उपेन्द्र सिंह रावत की तरफ से इस वीडियो को फर्जी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से एडिट किया हुआ करार दिया गया। उपेन्द्र सिंह रावत इस मामले में शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।खुद के निर्दोष साबित न होने तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी।

पूर्व सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह साजिश भाजपा को बदनाम करने के लिए की गई थी।रिपोर्ट में समय लगा,लेकिन सच्‍चाई सामने आ गई।उपेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वह तो पहले ही कह रहे थे कि यह वीडियो फर्जी है।इस रिपोर्ट से दोष सिद्ध नहीं हो सका है।विरोधियों ने यह साजिश भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने के लिए की थी।उन्हें इस बात का दुख है कि इस पूरे प्रकरण के चलते बाराबंकी लोकसभा सीट पर भाजपा को हार मिली है,लेकिन अब एफएसएल की जांच रिपोर्ट के बाद सब दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है।

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