प्रयागराज।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद को नजरबंद किए जाने के विरोध में भड़की हिंसा के बाद दलित युवाओं पर दर्ज किए गये मुकदमों पर बहुजन समाज पार्टी की नजर है।बसपा इस मामले में फंसे निर्दोष युवाओं की मदद के साथ आजाद समाज पार्टी की घेराबंदी करने की रणनीति बना रही है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो हिंसा के बाद दर्ज मुकदमों में नामजद तमाम युवा बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर,जिलाध्यक्ष समेत स्थानीय नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।इनमें से तमाम युवा मौके पर मौजूद न होने का दावा कर खुद को निर्दोष बता रहे हैं।बसपा नेता इसकी पुष्टि करने के बाद पुलिस अधिकारियों से बात कर उन्हें न्याय दिलाने की कवायद में जुटे हैं।वहीं कुछ अधिवक्ताओं को भी इस कवायद में शामिल किया गया है। इस मामले की जानकारी बसपा मुखिया मायावती तक भी पहुंच चुकी है,अब निर्दोषों को राहत दिलाने की रणनीति बनाई जा रही है।
लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद ने चंद्रशेखर आजाद का नाम लिए बिना बयान दिया था कि वह आपको गुमराह कर खुद को मसीहा बताता है,गुस्सा दिलाकर धरना प्रदर्शन कराता है।,आप लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो जाते हैं।अगर एक युवा के ऊपर केस दर्ज हो गया तो उसे नौकरी और पढ़ने लिखने में दिक्कत होगी। आपकी बाद में कोई मदद भी नहीं करेगा।
बता दें कि बसपा नेताओं और चंद्रशेखर आजाद के बीच बीते दिनों हुई बयानबाजी से तल्खी बढ़ती जा रही है।चंद्रशेखर ने आकाश आनंद को जनता द्वारा नकारे जाने का बयान दिया तो मायावती ने पलटवार करते हुए उन्हें बरसाती मेढ़क बता दिया।अब प्रयागराज मामले में बसपा राजनीतिक नफा-नुकसान देखकर कदम बढ़ा रही है।बसपा नेताओं का मानना है कि आजाद समाज पार्टी की घेराबंदी का यह सबसे मुफीद मौका है।
बताते चलें कि बीते रविवार को नगीना से आसपा सांसद चंद्रशेखर आजाद रेप पीड़िता के परिवार से मिलने प्रयागराज पहुंचे थे,जहां पुलिस ने चंद्रशेखर को सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया,इसके बाद करछना में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया,पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और आगजनी की।पत्थरबाजी में कुछ पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल भी हो गए।पुलिस ने इस मामले में करछना थाने में 50 नामजद और 500 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।