दिल्ली में 2028 तक कूड़े के पहाड़ों का हो जाएगा सफाया, दिल्ली नगर निगम ने बनाया प्लान,पढ़ें डिटेल
दिल्ली में 2028 तक कूड़े के पहाड़ों का हो जाएगा सफाया, दिल्ली नगर निगम ने बनाया प्लान,पढ़ें डिटेल

09 Jun 2025 |   39



 

नई दिल्ली।अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो दिसंबर 2028 तक न केवल दिल्ली से कूड़े के पहाड़ इतिहास बन चुके होंगे बल्कि नए कूड़े के पहाड़ न बने ऐसे भी इंतजाम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हो जाएंगे।दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली सरकार को कूड़ा निस्तारण के लिए जो कार्ययोजना बनाई है,उसके अनुसार दिल्ली में जितना कूड़ा उत्पन्न होगा,उसके निस्तारण की क्षमता उससे ज्यादा हो जाएगी।

2028 तक दिल्ली में प्रतिदिन 13229 टन कूड़ा उत्पन्न होने का अनुमान है।बिजली बनाने के प्लांट ओखला और तेहखंड के विस्तार,गाजीपुर में नए प्लांट और 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के चार बायोगैस प्लांट बनने से कूड़ा निस्तारण की क्षमता 14000 टन प्रतिदिन हो जाएगी।फिलहाल दिल्ली में 11300 टन प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कूड़े में से 8010 टन प्रतिदिन ही निस्तारित हो पा रहा है जबकि शेष तीन हजार टन प्रतिदिन के करीब लैंडफिल पर डाला जा रहा है।

अब एमसीडी की स्थायी समिति का भी गठन होने जा रहा है तो अब कूड़ा निस्तारण से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं में मंजूरी में भी देरी नहीं होगी।निगम की योजना है कि वर्तमान ओखला के कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र से 1550 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण होता है।निगम इसकी क्षमता एक हजार टन प्रतिदिन बढ़ाने पर काम कर रहा है। निगम की योजना है कि 31 मार्च 2027 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाए।

इसी तरह तेहखंड के कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र की क्षमता एक हजार टन प्रतिदिन दिसंबर 2027 तक बढ़ जाएगी। गाजीपुर में भी 2000 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण के लिए कूड़े से बिजली बनाने का संयंत्र दिसंबर 2028 तक पूरा करने पर निगम कार्य कर रहा है।इससे सीधे तौर पर चार हजार टन प्रतिदिन की क्षमता को कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्रों से बढ़ जाएगी। जबकि 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के चार बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाने की योजना भी 2027 तक के आखिर तक की है। इससे 2000 टन कूड़ा निस्तारित हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली नगर निगम ने लक्ष्य रखा है दिसंबर 2028 तक तीनों कूड़े के पहाड़ों को पूरी तरह खत्म करके उस क्षेत्र को हरा भरा विकसित कर दिया जाए।

कितना कूड़ा उत्पन्न होता है

एमसीडी क्षेत्र से निकल रहा कूड़ा 11000 टन प्रतिदिन

एनडीएमसी 300 टन प्रतिदिन

कुल कूड़ा रोज निकलता है 11300 टन 

अभी निस्तारित किया जा रहा कूड़ा 8010 टन प्रतिदिन है 

किस वेस्ट टू प्लांट की कितनी क्षमता

प्लांट क्षमता
ओखला 1550
नरेला-बवाना 2500
गाजीपुर 1300
तेहखंड 2000
211 क्षेत्रीय कंपोस्ट पिट 600
20 कंपोस 20
नोट: निस्तारण की मात्रा टन प्रतिदिन के हिसाब से है।

प्रस्तावित प्लांट से कितना निस्तारित हो जाएगा

तेहतखंड में वर्तमान प्लांट से कूड़ा निस्तारण की क्षमता 2027 तक 1000 बढ़ जाएगी

ओखला के वर्तमान प्लांट से कूड़ा निस्तारण की क्षमता 2027 तक 1000 बढ़ जाएगी

गाजीपुर में नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट जो कि दिसंबर 2028 तक पूरा हो जाएगा, उसकी क्षमता 2000 होगी।

500 टन प्रतिदिन के चार बायोमीथेनेशन प्लांट बनाए जा रहे हैं जो कि 2028 तक चालू हो जाएंगे।इससे प्रतिदन 2000 टन कूड़ा निस्तारण की क्षमता बढ़ जाएगी

कितना कुूड़ा पैदा होने का है अनुमान

वर्ष   कूड़ा
2025 12059
2026 12391
2027 12803
2028 13229

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