प्रयागराज।महाकुंभ में भगदड़ की घटना के एक दिन बाद योगी सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए हैं। मंगलवार देर रात हुई घटना में 30 श्रध्दालुओं की मौत हो गई थी और 90 घायल हो गए थे।हालांकि आज गुरुवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का महाकुंभ में आना जारी है। भगदड़ की घटना का महाकुंभ में आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा।इस बीच योगी सरकार ने महाकुम्भ में भीड़ के प्रबंधन के लिए पांच बड़े उपाय किए हैं।इसमें बाहरी वाहनों के प्रवेश पर बैन से लेकर वीवीआईपी पास को रद्द किया जाना शामिल है।
मेला क्षेत्र में भीड़ के प्रबंधन के लिए अपनाए गए उपाय
नो-व्हीकल जोन: प्रयागराज में नो व्हीकल जोन बनाया गया है और महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
वीआईपी पास रद्द: किसी को भी वीवीआईपी पास नहीं दिया जाएगा।सभी वीवीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं ताकि किसी को भी विशेष प्राथमिकता न मिले।
वन-वे रूट: श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए वन-वे ट्रैफिक रूट सिस्टम भी लागू किया गया है।
बाहरी वाहनों के लिए नो एंट्री:योगी सरकार ने कहा कि भीड़भाड़ कम करने के लिए प्रयागराज के पड़ोसी जिलों से आने वाली कारों को जिले की सीमाओं पर रोका जा रहा है।
4 फरवरी तक प्रतिबंध: व्यवस्था बनाए रखने के लिए चार फरवरी तक मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही ड्रोन और हेलीकॉप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
गोयल और गोस्वामी को दी गई बड़ी जिम्मेदारी
मेला क्षेत्र में पुलिस प्रशासन,एंबुलेंस,सक्शन मशीन की गाड़ी आदि के प्रवेश को बनाए रखा जाएगा,क्योंकि इनके बिना मेले का सुचारू संचालन नहीं हो सकेगा।योगी सरकार ने व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए अर्धकुंभ मेला 2019 में सेवाएं दे चुके आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को महाकुंभ मेले में तैनात किया है।पिछले अर्धकुंभ के दौरान आशीष गोयल प्रयागराज के मंडलायुक्त अर्धकुंभ मेला का प्रभारी थे,जबकि भानु गोस्वामी तब डीएम और प्राधिकरण के वीसी थे।इनके अलावा 5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी मेले की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। ये सभी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे।
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