ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ। 171 वर्ष पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा अब इतिहास बन गई है।डाक विभाग ने एक सितंबर से इसकी बुकिंग बंद कर दी है।स्पीड पोस्ट सेवा में इसका विलय कर दिया है।अब स्पीड पोस्ट के जरिये ही आपका पत्र पहुंचेगा।यह सुविधा थोड़ी महंगी जरूर है,लेकिन तेज, सुरक्षित और ट्रैकिंग से लैस है।
डाक विभाग ने रजिस्टर्ड डाक सेवा को सरकारी,कानूनी और वित्तीय दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से भेजने के लिए शुरू किया था,लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ईमेल,व्हाट्सऐप, मैसेजिंग एप और अन्य ऑनलाइन संचार माध्यमों की वजह से रजिस्टर्ड डाक की उपयोगिता में गिरावट आई,जिससे इसे बंद करना पड़ा।अब लखनऊ मंडल के 250 से ज्यादा डाकघरों में रजिस्टर्ड डाक की जगह स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध होगी
रजिस्टर्ड डाक के मुकाबले स्पीड पोस्ट सेवा दूरी और वजन के हिसाब से मंहगी होगी।पहले रजिस्टर्ड डाक 17 रुपये में बुकिंग और 20 ग्राम तक के पत्र के लिए पांच रुपये अतिरिक्त यानी कुल 22 रुपये में सेवा उपलब्ध थी। अब स्पीड पोस्ट में दूरी और वजह के हिसाब से 200 किलोमीटर तक 20 से 50 ग्राम वजन वाले पत्र के लिए 41.30 रुपये चुकाने होंगे। दूरी और वजन बढ़ने पर शुल्क और बढ़ेगा।
लोगों की सुविधा और समय की बचत के लिए यह बदलाव किया गया है।आज जरूरत है कि डाक तेजी से पहुंचे, इसलिए डाक सेवा को स्पीडपोस्ट सेवा में मिला दिया गया है। दूरी और वजन के अनुसार स्पीड पोस्ट सेवाओं की दरें महंगी होती जाती हैं।-सचिन चौबे, प्रवर अधीक्षक, डाक विभाग लखनऊ मंडल