लखनऊ में आंबेडकर की मूर्ति को हटाने पर भड़के अखिलेश यादव,कहा-लोगों की अनदेखी पड़ेगी भारी
लखनऊ में आंबेडकर की मूर्ति को हटाने पर भड़के अखिलेश यादव,कहा-लोगों की अनदेखी पड़ेगी भारी

14 Apr 2025 |   169



ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी


लखनऊ।सूबे की राजधानी लखनऊ में महिंगवा थाना क्षेत्र के खंतरी गांव में डॉ. अंबेडकर बाबासाहेब की मूर्ति को हटाने लेकर बवाल मचा हुआ है।प्रशासन द्वारा की मूर्ति हटाने की कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।हालात इतने इतने बिगड़ गए कि पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति को हटाने लेकर पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।अखिलेश ने शासन-प्रशासन पर बड़ा हमला बोला है।

सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ में बाबासाहेब की मूर्ति को हटाने का जो दुस्साहस प्रशासन कर रहा है,उसके पीछे शासन का जो दबाव है,उसे पीडीए समाज अच्छी तरह समझ रहा है।किसी के जातीय वर्चस्व का अहंकार कभी गोरखपुर में मूर्ति-चबूतरा हटाने का काम करवाता है, तो कभी लखनऊ में अपने राजनीतिक प्रभुत्व के दंभ को साबित करने के लिए महापुरुषों की मूर्ति हटाने का कुकृत्य करवाता है। अखिलेश ने आगे कहा कि जनाकांक्षा की अवहेलना जनाक्रोश को जन्म देती है, पीडीए कहे आज का,नहीं चाहिए भाजपा।अखिलेश यह बयान साफतौर पर प्रशासन पर हमला है,जिसमें अखिलेश ने सत्ता पर जातीय और राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि सूबे की राजधानी लखनऊ के महिंगवा थाना क्षेत्र के खंतरी गांव में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की मूर्ति को प्रशासन ने अवैध मानते हुए हटाने की कार्रवाई शुरू की।इसका ग्रामीणों ने विरोध कर दिया,देखते-देखते ही हालात बेकाबू हो गए,प्रशासन की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों की भीड़ ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया।इस प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।पुलिस ने भी लाठी भांजी जिससे कुछ ग्रामीण घायल हुए हैं।प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति के सार्वजनिक भूमि पर मूर्ति लगाना कानून का उल्लंघन है और इसे नहीं रहने दिया जा सकता।वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन उनकी भावनाओं का दमन कर रहा है,उनका कहना है कि यह मूर्ति हमारी आस्था से जुड़ी है, पुलिस जबरदस्ती इसे हटवा रही है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि अखिलेश यादव आधा सच बोलने की बीमारी से ग्रस्त हैं।केशव मौर्य ने यह टिप्पणी अखिलेश के उस बयान के एक दिन बाद आई,जिसमें अखिलेश ने कहा था कि इटावा के मतदाताओं ने ही बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम को लोकसभा भेजा था।केशव ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि आधा सच बताने की बीमारी से ग्रस्त हैं सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सच यह है कि 1991 के लोकसभा चुनाव में सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अगर इटावा में कांशीराम की मदद की थी तो कांशीराम ने भी जसवंतनगर से बसपा का उम्मीदवार न उतार कर मुलायम सिंह यादव को जिताने में मदद की थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में इससे बड़ा सपा का काला सच यह है कि दो जून, 1995 को सपा के गुंडों ने लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में दलितों की सबसे बड़ी नेता बहन सुश्री मायावती की आबरू लूटने और उनकी हत्या की कोशिश की थी।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दलितों के सम्मान में सदा समर्पित बीजेपी ने सपाई गुंडों को छठी का दूध याद दिलाकर उसके मंसूबों को विफल कर बहन जी की लाज और जीवन दोनों को बचाया था।केशव ने कहा कि ऐसे ही अपने गुंडों की फौज पर अखिलेश आज भी इतराते हैं।केशव ने कहा कि सपा पिछड़ों दलितों वंचितों की असल दुश्मन है।

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