
ब्यूरो धीरज कुमार द्विवेदी
लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वाराणसी एसटीएफ की टीम ने अन्तर्राज्यीय अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह की सक्रिय सदस्य मुस्कान तिवारी को गिरफ्तार किया है।अवैध हथियारों की सप्लाई में शामिल महिला तस्कर मुस्कान तिवारी को बुधवार सुबह कैसरबाग बस स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया। मुस्कान बुर्का पहनकर बस से कैसरबाग बस अड्डे पर पहुंची थी। उसके पास चार हथियार व सात मैंगजीन बरामद हुई हैं।इनमें से एक असलहा पाकिस्तान में बना बताया जा रहा है।मुस्कान शुभम सिंह गिरोह के लिए काम करती है।
बता दें कि मुस्कान के पास से चार 32बोर की पिस्टल, 7 मैगजीन, 1 मोबाइल फोन बरामद हुआ है।अवैध असलहो और कारतूस की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के पूर्वांचल में सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थी।इस संबंध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को अलर्ट किया गया था।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के मुताबिक गिरफ्तार महिला तस्कर की पहचान जौनपुर के रुधौली मुस्कान तिवारी के रूप में हुई। पिछले साल 20 नवम्बर को गाजीपुर करीमुद्दीनपुर निवासी अंकित कुमार पाण्डेय,मुस्कान तिवारी और सत्यम यादव को दो पिस्टल के साथ सुलतानपुर में पकड़ा था।इसमें मुस्कान को जमानत मिल गई थी। उस समय खुलासा हुआ था कि उनके गिरोह का सरगना जौनपुर के जुडापुर निवासी शुभम सिंह है। इस गिरोह का नेटवर्क पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार व दिल्ली तक फैला हुआ है।
एसटीएफ ने बताया कि मुस्कान जमानत पर छूटने के बाद फिर से गिरोह में सक्रिय हो गई थी।मुस्कान चार हथियार लेकर अपनी वेशभूषा बदल कर बस से कैसरबाग पहुंची थी। उसे ये चार पिस्टल मेरठ में उपलब्ध कराई गई थी। इसके लिए उसे 50 हजार रुपये दिए गए थे। हर पिस्टल की कीमत डेढ़ लाख रुपये बताई गई है। मुस्कान का परिचय शुभम से हुआ था।
एसटीएफ ने बताया कि सरगना शुभम सिंह द्वारा योजना बनायी गयी कि दो लोगों के एक साथ असलहा लेने के जाने पर पकड़े जा रहे हैं। अब आगे से गैंग के सदस्य अकेले ही असलहा लेने-देने के लिए जाएंगे। इसी क्रम में मुस्कान तिवारी अकेले ही मेरठ असलहा लेने गई। शुभम सिंह द्वारा बताया गया कि मेरठ में शोहराबगेट बस स्टेशन के पास एक लड़का 4 पिस्टल लाकर देगा। इसके लिये उसे 50 हजार रुपए मिला था। उसे शाहगंज जनपद जौनपुर में पिस्टल लाकर देना है। इसी योजना के तहत मुस्कान तिवारी मेरठ से पिस्टल लेकर बस से कैसरबाग बस स्टेशन पर आयी थी, यहां से शाहगंज के लिये बस पकड़नी थी।
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