प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश की प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अधिक समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा। 2004 में लोकसभा चुनाव में अक्षय प्रताप सिंह ने पहली बार समाजवादी पार्टी का खाता खोला था।जनता की बीच अपनी गहरी पैठ बनाने वाली रत्ना सिंह को हराना बहुत कठिन था,रत्ना सिंह ने प्रतापगढ़ में अपना प्रभाव इस कदर बना लिया था, उन्हें चुनाव मैदान से हराना टेढ़ी खीर लग रहा था,लेकिन अक्षय प्रताप सिंह रिकाॅर्ड वोटों से जीते थे।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के मुखिया कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने अपने करीबी अक्षय प्रताप सिंह को सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया।पूर्व में एमएलसी रह चुके अक्षय प्रताप सिंह ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी और कांग्रेस प्रत्याशी रत्ना सिंह को करारी हार हराने में सफल रहे।अक्षय प्रताप सिंह को 2,38,137 वोट मिले थे। रत्ना सिंह को 168,885 वोट मिले थे।
बता दें कि अक्षय प्रताप सिंह के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं था।यह चुनाव सपा और कांग्रेस के बीच नहीं था, बल्कि राजा भइया और रत्ना सिंह के बीच था।अक्षय प्रताप सिंह के प्रचार की बागडोर राजा भइया के संभालते ही पूरा चुनावी माहौल बदल गया।राजा भइया ने गांव-गांव प्रचार करके चुनाव का रूख बदल दिया।अक्षय प्रताप सिंह को भारी मतों से जीत मिली।एमएलसी का चुनाव लड़ चुके अक्षय प्रताप सिंह की प्रधानों और बीडीसी सदस्यों के बीच गहरी पैठ थी।
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