गजब:बाबू चमचमाती कार से आता है ऑफिस,रहन सहन बना चर्चा का विषय
गजब:बाबू चमचमाती कार से आता है ऑफिस,रहन सहन बना चर्चा का विषय

27 Jul 2025 |   156



ब्यूरो देवी शरण मिश्रा 

प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबागंज ब्लॉक ऑफिस में तैनात एक बाबू इन दिनों अपने सरकारी कार्यों से अधिक अपनी जीवनशैली को लेकर सुर्खियों में है।महंगी कार से रोजाना ऑफिस पहुंचना और शानो शौकत से रहना,लोगों और ऑफिस के अन्य कर्मचारियों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। 

मिली जानकारी के अनुसार बाबागंज ब्लाॅक ऑफिस में तैनात बाबू रामजनम प्रयागराज से रोज एक चमचमाती कार से ऑफिस पहुंचते हैं।कार ही नहीं इनका पहनावा,मोबाइल फोन और अन्य निजी सुविधाएं किसी उच्चाधिकारी से कम नहीं लगतीं हैं।ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या एक साधारण आय से इतना ठाठ-बाट संभव है।

लोगों का कहना है कि यह बाबू अक्सर लोगों से दूरी बनाए रखते हैं और किसी भी प्रकार की जनसमस्या पर सहजता से बात नहीं करते।जरूरतमंद लोग जब अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, तो उन्हें लंबे इंतजार या टालमटोल का सामना करना पड़ता है।वहीं बाबू साहब खुद ऑफिस में एसी में बैठकर चाय-पानी के साथ आराम फरमाते देखे जाते हैं। 

ब्लॉक ऑफिस में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों ने बताया कि इस बाबू की जीवनशैली सामान्य कर्मचारी से काफी अलग है। हालांकि कोई भी खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं है, लेकिन अंदरखाने असंतोष की स्थिति बनी हुई है।कर्मचारियों का कहना है कि कई बार बाबू खुद को अधिकारी जैसा समझने लगते हैं और बात करने का लहजा भी अधिकारपूर्ण होता है।

लोगों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि किसी कर्मचारी के पास आय से अधिक संपत्ति के संकेत मिल रहे हैं, तो संबंधित विभाग को इसकी जांच करानी चाहिए।इससे न सिर्फ पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि सरकारी व्यवस्था में लोगों का भरोसा भी कायम रहेगा।

इस संबंध में बीडीओ राजेंद्र नाथ पांडेय का कहना है कि यदि किसी कर्मचारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति या जनसेवा में लापरवाही की शिकायत मिलती है तो निश्चित ही जांच कराई जाएगी। सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक होते हैं, ना कि शासक।

बता दें कि किसी सरकारी कर्मचारी का निजी वाहन रखना या अच्छे कपड़े पहनना अपराध नहीं है,लेकिन जब वह जीवनशैली उसके वेतनमान से मेल न खाए, तो संदेह स्वाभाविक रूप से जन्म लेता है। यदि कोई कर्मचारी अपनी आय से अधिक खर्च करता है तो यह लोक सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन हो सकता है।फिलहाल यह बाबू अपने अंदाज और जीवनशैली को लेकर चर्चा में हैं।अब देखना यह होगा कि जिम्मेदार अधिकारी इसको कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या कोई कार्रवाई होती है या यह मामला चर्चा तक ही सीमित रह जाएगा।

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