सपा ने 3 बागी विधायकों को पार्टी से निकाला,राज्यसभा चुनाव के दौरान की थी क्रॉस वोटिंग
सपा ने 3 बागी विधायकों को पार्टी से निकाला,राज्यसभा चुनाव के दौरान की थी क्रॉस वोटिंग

23 Jun 2025 |   71



 

लखनऊ।समाजवादी पार्टी ने लंबे अरसे से भारतीय जनता पार्टी के पाले में नजर आ रहे अपने तीन विधायकों को औपचारिक तौर पर पार्टी से निकाल दिया है।सपा की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी गई है। सपा ने कहा है कि पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ जाने के कारण इन लोगों को निष्काषित किया गया है।

बता दें कि पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के इन विधायकों ने भाजपा का साथ दिया था। 2024 के फरवरी महीने में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 8 और सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे थे। सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ को जीत मिली थी। जबकि सपा के दो ही उम्मीदवार जया बच्चन और रामजीलाल सुमन जीत सके थे। तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन हार गए थे। कॉस वोटिंग करने वालों में गौरीगंज विधानसभा से विधायक राकेश प्रताप सिंह,गोसाईगंज विधानसभा से विधायक अभय सिंह और ऊंचाहार विधानसभा से विधायक मनोज कुमार पांडेय शामिल थे।

सपा के एक्स अकाउंट पर विधायकों के निष्कासन की सूचना देते हुए लिखा गया है कि ‘समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है।

तीनों विधायकों के नामों और सीट का उल्लेख करते हुए पोस्ट में आगे लिखा है कि इन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी अनुग्रह-अवधि की समय-सीमा अब पूर्ण हुई,शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी जन-विरोधी लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।

तीन विधायकों के निष्कासन के साथ ही सपा कह रही है कि पार्टी के मूल मूल्यों के खिलाफ जाने वाली कोई भी गतिविधि अस्वीकार्य मानी जाएगी। वैसे जानकारों का मानना है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा अपने समीकरणों को दुरुस्त करने में जुटी है। राज्यसभा चुनाव में ही ये विधायक बागी हो गए थे,लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही अब की गई है। जानकार इसे पार्टी की रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं।

राकेश प्रताप सिंह 

अमेठी जिले की गौरीगंज विधानसभा से विधायक राकेश प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे।राकेश प्रताप सिंह 2012 से लगातार विधायक हैं। 2021 में राकेश प्रताप सिंह विधायकी से इस्तीफा भी दे दिया था।कहा था कि चुनी हुई सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। इस वजह से वह इस्तीफा दे रहे हैं। राकेश प्रताप सिंह की गिनती सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबियों में होती थी। 2023 में राकेश प्रताप सिंह को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अहम जिम्मेदारी दी गई थी,लेकिन 2024 में पार्टी लाइन से अलग वोटिंग कर सपा मुखिया अखिलेश यादव से अपने रिश्ते खराब कर लिया। राकेश प्रताप सिंह सपा से बाहर हो चुके हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले राकेश प्रताप सिंह भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

अभय सिंह

अयोध्या जिले की गोसाईंगंज विधानसभा से विधायक अभय सिंह ने बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी,लेकिन बाद में अभय सिंह समाजवादी पार्टी में चले गए हैं। 2012 में अभय सिंह गोसाईंगंज से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2022 में दूसरी बार विधायक बने थे।अभय सिंह ने 2012 में खब्बू तिवारी और 2022 में उनकी पत्नी आरती तिवारी को हराया था।अभय सिंह ने यूपी विधानसभा अध्यक्ष के साथ राम मंदिर में दर्शन किए थे, जबकि सपा ने ऐसा करने से मना किया था। यहीं से अभय सिंह और सपा मुखिया अखिलेश यादव के रिश्ते खराब हो गए।

मनोज कुमार पांडे

रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा से विधायक मनोज कुमार पांडे तीन बार विधायक और सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2012 में ऊंचाहार विधानसभा बनने के बाद से मनोज कुमार पांडे लगातार यहां से विधायक रहे हैं।मनोज कुमार पांडे 16 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं। 2012 में मनोज कुमार पांडे रायबरेली जिले से सपा को पांच सीटें जीतने में मदद की थी।यहीं से मनोज कुमार पांडे सपा मुखिया अखिलेश के करीबी बन गए। हालांकि पार्टी लाइन से अलग वोटिंग कर अपने रिश्ते खराब किए और अब सपा से अलग हो चुके हैं।

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