पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरी युवकों में बदलाव,धार्मिक चिन्ह और हथियारों वाले हटवा रहे हैं टैटू
पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरी युवकों में बदलाव,धार्मिक चिन्ह और हथियारों वाले हटवा रहे हैं टैटू

03 May 2025 |   99




नई दिल्ली।पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद आम कश्मीरियों के साथ घाटी के युवकों की मानसिकता में बदलाव नजर आ रहा है। आतंकी हमलों के खिलाफ कश्मीर घाटी में बंद को व्यापक समर्थन मिलने के बाद अब कश्मीरी युवकों में इस्लामी धार्मिक प्रतीकों और हथियारों के टैटू हटवाने की होड़ लगी है। श्रीनगर के लेजर क्लिनिकों में इन दिनों टैटू हटवाने वाले युवकों की लाइन देखी जा रही है।

लेजर क्लिनिक में टैटू हटवाने की लगी होड़

लेजर क्लिनिक में बासित बशीर ने बताया कि हर दिन लगभग 100 युवक टैटू हटवा रहे हैं। बशीर ने बताया कि उन्होंने पहलगाम हमले के बाद एक हजार से अधिक युवाओं के हाथों और गर्दन से एके-47 और रॉकेट लॉन्चर जैसे हथियारों और चांद-सितारा जैसे टैटू हटाए हैं। ऐसे युवकों की संख्या बढ़ रही है। इसी हफ्ते एक युवक हथियार का टैटू हटवाने आया तो उसके दोस्तों ने बताया कि स्थिति नाजुक है और इसे हटाना बेहतर है।

टैटू हटवाने की भीड़ के चलते खरीदनी पड़ी नई मशीन

लेजर तकनीशियन बशीर ने कहा कि टैटू हटवाने वालों की बढ़ती संख्या देखते हुए उन्हें 10 लाख रुपए की नई मशीन खरीदनी पड़ी। कई लोग मानसिकता में बदलाव तो कुछ लोग डर कर टैटू हटवा रहे हैं।

कभी टैटू बना था विरोध का जरिया

मिली जानकारी के मुताबिक कश्मीर में साल 1989 में भारत के खिलाफ माहौल,आतंकियों और कट्टरपंथ के समर्थन के लिए टैटू राजनीतिक अभिव्यक्ति का एक जरिया बन गया था। घाटी में अशांति के दौर में आम युवकों से लेकर प्रभावशाली लोगों तक ने टैटू बनवाने का प्रचलन हो गया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद टैटू हटाने का चलन बढ़ रहा है।

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